Intimation Under Section 143(1): जब आप इनकम टैक्स रिटर्न (I-T return) फाइल कर देते हैं, उसके बाद विभाग एक इंटिमेशन नोटिस (Intimation Notice)  भेजता है। यदि आप टैक्स अधिक भरते हैं या कम भरते हैं तो इन दोनों ही परिस्थितियों में आईटी विभाग इंटिमेशन नोटिस भेजता है।

इंटिमेशन नोटिस कम टैक्स भुगतान के मामले में करदाता को शेष राशि का भुगतान करने और समस्या को हल करने के लिए होता है। यदि कोई टैक्स से अधिक राशि भेजता है तो उस मामले में इनकम टैक्स विभाग संबंधित व्यक्ति के खाते में शेष राशि रिफंड (tax refund) कर देता है।

इंटिमेशन नोटिस आये तो क्या करें

यदि आपके पास इंटिमेशन नोटिस आता है और आपने कम टैक्स भरा है, तो आप टैक्स की शेष राशि जमा कर दें। ताकि आपका मासिक वेतन पूरा आये और टीडीएस में कोई कटौती न हो। जैसे उदाहरण के लिए यदि आपकी आय के अनुसार आपको एक लाख रुपये इनकम टैक्स भरना था, लेकिन आपने 90 हजार जमा किया है तो आप शेष राशि फिर से जमा कर सकते हैं। वहीं यदि आपने तय राशि से ज्यादा भरा है तो रिफंड आपके लिंक्ड बैंक अकाउंट में आ जायेगा।

सेक्शन 143(1) के तहत इंटिमेशन नोटिस क्या है?

लोगों को वर्ष के 31 जुलाई को या उससे पहले अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है। रिटर्न फाइल करने के बाद टैक्स विभाग रिटर्न की प्रोसेसिंग करता है। इस प्रक्रिया के दौरान आईटी विभाग को कई तरह की विसंगतियां मिल सकती हैं, जैसे कि डेटा, गणना आदि। ऐसे मामलों में विभाग एक नोटिस भेजेगा, जिसे सेक्शन 143(1) के तहत इंटिमेशन नोटिस भी कहा जाता है। इन चार तरीकों से आसानी से भर सकते हैं इनकम टैक्स, जानें

यह नोटिस टैक्स पेयर के रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजा जाता है। पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक एसएमएस भी भेजा जाता है जिसमें सूचित किया जाता है कि पंजीकृत ईमेल आईडी पर इंटिमेशन नोटिस भेज दिया गया है।

इंटिमेशन नोटिस का पालन न करने से हो सकता है आपको नुकसान

यदि एक बार आईटी विभाग से सूचना प्राप्त होने के बाद नोटिस का कोई जवाब नहीं देते हैं, तो इसमें आपको नुकसान हो सकता है जैसे कि वेतन से टीडीएस कट सकता है या फिर कम सैलरी आ सकती है