बढ़ती महंगाई के कारण लोगों को घर बनवाने के लिए एकमुश्‍त धन जुटाना चुनौती भरा है। इस स्थिति में होम लोन लोगों की जरूरतों को पूरा करता है। हालांकि आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाने से होम लोन भी अब महंगा हो चुका है। ऐसे में अगर आप होम लोन लेने की प्‍लानिंग कर रहे हैं और सस्‍ते ब्‍याज पर लोन के साथ कुछ अन्‍य लाभ और ज्‍यादा लोन का अकाउंट चाहते हैं तो आपको कुछ सीक्रेट बातों के बारे में जरूर जानना चाहिए।

इन तरीकों के अपनाने से आपको लोन की ईएमआई भी ज्‍यादा नहीं लगेगी और लोन भी आसानी से चुकता हो जाएगा। जयराम श्रीधरन, एमडी, पीरामल फाइनेंस ने कुछ बातों की जानकारी दी है, जिन्हें होम लोन लेते समय ध्यान में रखना चाहिए।

क्रेडिट स्‍कोर और हिस्‍ट्री

होम लोन लेने से पहले आवेदन करने वालों को अपने क्रेडिट स्‍कोर के बारे में जानना चाहिए। साथ ही क्रेडिट हिस्‍ट्री को भी चेक करना चाहिए, क्‍योंकि इनका सीधा असर आपके लोन की अमाउंट और ईएमआई पर पड़ता है। इसके साथ ही यह आपके लंबी वित्तीय योजनाओं पर भी असर डाल सकता है।

टैक्‍स सेविंग

अगर कोई व्‍यक्ति होम लोन पर प्री-पेमेंट या एकमुश्‍त भुगतान करता है तो वह टैक्‍स बेनेफिट का भी लाभ उठा सकता है। लोन लेने वाले व्‍यक्ति को टैक्‍स छूट पाने के लिए कर की निश्चित राशि का चुनाव करना होगा और यह भी जानकारी करनी चाहिए कि वह इस पर कितने तक का टैक्‍स छूट पा सकता है।

ईएमआई का भुगतान

होम लोन लेने के बाद हर व्‍यक्ति को ईएमआई तय करना होता है, कि वह कितने राशि तक का मंथली पेमेंट कर सकता है। वर्तमान के मंथली खर्च, उधार चुकाना, सेविंग आदि बातों को ध्‍यान में रखकर ईएमआई का चयन किया जा सकता है। साथ ही बैकअप के तौर पर पैसा रखने से किसी भी समस्‍या से आपको राहत मिल सकती है।

मार्जिन मनी

घर खरीदार घर के कुल लागत के लिए डाउन पेमेंट करता है। अगर डाउन पेंमेंट के लिए राशि उपलब्‍ध नहीं है तो इसकी व्‍यवस्‍था के लिए तरीका ढूंढना चाहिए। हालांकि कर्जदाता आमतौर पर घर में निवेश किए गए धन का केवल एक तय राशि प्रतिशत के लिए ब्‍याज लेता है। ऐसे में मार्जिन मनी एक अच्‍छा तरीका हो सकता है, जो डाउनपेमेंट के साथ ही कर्जदाता को भी भरोसा दिला सकता है।

नियम और शर्त

लोन लेने का निर्णय लेने से पहले सभी नियमों और शर्तों को जानने से, भविष्य में किसी भी अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने से बचा जा सकता है। व्यक्ति को यह मांग करनी चाहिए कि कर्जदाता लोन और पुनर्भुगतान शर्तों से संबंधित सभी विवरणों के बारे में जानकारी दे और आवश्यक लगने वाले किसी भी अतिरिक्त विवरण के लिए पूछने में संकोच न करें।