पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ स्कीम के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति के पास एक से अधिक अकाउंट्स नहीं हो सकते हैं। हालांकि, कई लोग अभी भी अनजाने में एक से अधिक पीपीएफ अकाउंट्स खोल देते हैं। उन्होंने दो अलग-अलग बैंकों या पोस्ट ऑफिस और एक बैंक में भी पीपीएफ खाते खोले होंगे। तो, ऐसी स्थिति में किस तरह के परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं और इन परिस्थितियों में क्या किया जा सकता है, आइए आपको भी बताते हैं।
डाक विभाग ने 18 अक्टूबर, 2021 को एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कई पीपीएफ अकाउंट्स को एक सिंगल पीपीएफ अकाउंट में मर्ज करने का प्रोसेस के बारे में बताया गया है। डाक विभाग के सर्कूलर के अनुसार, एक से अधिक पीपीएफ अकाउंट्स को कैसे मर्ज किया जा सकता है।
अगर यदि पीपीएफ डिपॉजिट निर्धारित सीमा से ज्यादा नहीं है
एक व्यक्ति के पास अपनी पसंद के पीपीएफ अकाउंट को बनाए रखने का ऑप्शन होगा, बशर्ते दोनों अकाउंट्स में डिपॉजिट की गई जमा राशि निर्धारित जमा सीमा के भीतर हो (वर्तमान में यह प्रति वित्तीय वर्ष 1.5 लाख रुपए है)। यदि पीपीएफ अकाउंट एक ही ऑपरेटिंग एजेंसी में हैं (मान लीजिए कि आपके पास अलग-अलग बैंकों में एक से अधिक पीपीएफ हैं या डाकघर में दो खाते हैं), तो पीपीएफ अकाउंट के ट्रांसफर का प्रोसेस का उपयोग करके आसानी से मर्ज किया जा सकता है।
हालांकि, ऐसा हो सकता है कि पीपीएफ अकाउट किसी बैंक और पोस्ट ऑफिस (यानी, विभिन्न ऑपरेटिंग एजेंसियों) के साथ खोले गए हों, तो ऐसे मामले में, पीपीएफ अकाउंट होल्डर को पीपीएफ अकाउंट के मर्ज के लिए रिक्वेस्ट सब्मिट करनी होगी। या तो बैंक या डाकघर के साथ, जहां वह पीपीएफ अकाउंट रिटेन करना चाहता है। मर्जर रिक्वेस्ट पीपीएफ पासबुक/अकाउंट डिटेल की एक फोटोकॉपी के साथ जमा करना होगा। एक बार रिक्वेस्ट जमा हो जाने के बाद, पीपीएफ अकाउंट कार्यालय अन्य कार्यालय को विवरण भेज देगा जहां पीपीएफ अकाउंट मर्ज किया जाना है।
जिस कार्यालय में पीपीएफ अकाउंट रिटेन करना है, वह अकाउंट होल्डर द्वारा सभी पीपीएफ अकाउंट्स में की गई एनुअल डिपॉजिट अमाउंट की गणना करेगा। यह ध्यान रखें कि एनुअल डिपॉजिट सरकार द्वारा घोषित निर्धारित जमा सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। एक बार जब यह पुष्टि हो जाती है कि जमा ने निर्धारित सीमा का उल्लंघन नहीं किया है, तो अकाउंट बंद करने और शेष राशि के ट्रांसफर के लिए अनुरोध दूसरे कार्यालय को भेजा जाएगा।
रिटेन अकाउंट खोलने की तिथि को पीपीएफ खाता खोलने की वास्तविक तिथि माना जाएगा। इस तिथि को मैच्योरिटी की गणना और लोन, निकासी आदि जैसे अन्य उद्देश्यों के लिए माना जाएगा। इसके अलावा, बनाए गए पीपीएफ खाते में शेष राशि के ट्रांसफर/क्रेडिट की डेट को लोन/एग्जिट के उद्देश्य के लिए जमा की तारीख के रूप में माना जाएगा।
यदि पीपीएफ डिपॉजिट निर्धारित सीमा से ज्यादा है
ऐसी स्थिति हो सकती है जहां एक साथ कई पीपीएफ अकाउंट्स में जमा की गई राशि निर्धारित सीमा से अधिक हो। ऐसी स्थिति में, पीपीएफ खातों में निर्धारित जमा सीमा का उल्लंघन करने वाली अतिरिक्त राशि खाते के विलय के बाद व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी। यह राशि बिना किसी ब्याज के वापस होगी। पीपीएफ खाता कार्यालय शेष राशि को बनाए गए पीपीएफ खाते में ट्रांसफर करने से पहले ब्याज को समायोजित करेगा। यहां भी, रिटेन अकाउंट खोलने की तारीख को पीपीएफ अकाउंट वास्तविक खोलने की तारीख माना जाएगा। इस तिथि को परिपक्वता और अन्य उद्देश्यों जैसे ऋण, निकासी आदि की गणना के लिए माना जाएगा। इसके अलावा, बनाए गए पीपीएफ खाते में शेष राशि के ट्रांसफर/क्रेडिट की तिथि को ऋण/निकासी आदि के उद्देश्य के लिए जमा की तारीख के रूप में माना जाएगा।