भारत सरकार की ओर से नए लेबर कोड्स को जल्द लागू किया जा सकता है। लेबर लॉ के तहत सरकार के द्वारा चार नए कोड बनाए गए हैं, जिसमें से वेतन भुगतान से जुड़ा भी एक कोड शामिल है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इन नए लेबर कोड्स के लागू होने के बाद आपके वेतन, पीएफ और ग्रेच्युटी पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
वेतन: नए लेबर कोड्स का आपके वेतन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में निजी कंपनियों में कुल सीटीसी (Cost to Company) का करीब 25 से 40 फीसदी तक होता है लेकिन नए कानूनों के मुताबिक, इसे कुल वेतन का कम से कम 50 फीसदी करना पड़ेगा। यह आपके प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी में योगदान पर प्रभाव डालेगा।
प्रोविडेंट फंड पर प्रभाव: कानून के मुताबिक 20 से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों को प्रोविडेंट फंड का लाभ देना जरूरी होता है। जानकारों का कहना है कि नए लेबर कोड्स के मुताबिक, नई लेबर कोर्ट में प्राइवेट सेक्टर में कार्य कर रहे लोगों की रिटायरमेंट की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पीएफ में ट्रांसफर किया जाएगा, इससे कर्मचारियों के हाथ में आने वाली इन हैंड सैलेरी कम हो जाएगी।
ग्रेच्युटी पर प्रभाव: ग्रेच्युटी एकमुश्त राशि होती है जो कर्मचारी को उसकी कंपनी के द्वारा सेवानिवृत्त होने पर या फिर लगातार 5 साल काम करने के बाद दूसरी कंपनी में जाने पर दी जाती है। ग्रेच्युटी को आपको आखरी बार दिए गए वेतन के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है, लेकिन यह किसी भी कर्मचारी के लिए 20 लाख से अधिक नहीं हो सकती। जानकारों का कहना है कि जिन कंपनियों में ग्रेच्युटी को स्पेशल अलाउंस के अंदर शामिल किया जाता है वहां पर इसका बार कंपनियों के ऊपर आएगा जबकि जिन कंपनियों में इसे सीटीसी के अंतर्गत शामिल किया जाता है, वहां कर्मचारियों की इन हैंड सैलेरी में कमी आ सकती है।
बता दें, नए कोड्स को एक जुलाई से लागू किया जाना था, लेकिन कुछ राज्यों ने अभी तक नए लेबर कोड्स के मुताबिक कानूनों को नहीं बनाया है, जिस कारण इन्हें लागू करने में देरी हो रही हैं। श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने एक इंटरव्यू में कहा था कि नए लेबर कोड्स को 2022 में ही लागू किया जाएगा।