होम लोन अक्सर लोग अपने जीवन का सबसे बड़ा सपना पूरा करने के लिए लेते हैं। जिसका चुकाने में 20 से 30 साल का समय लग जाता है। अगर आप भी होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो यहां हम आपको सलाह देंगे कि, आप ओवरड्राफ्ट की सुविधा वाला होम लोग ले। क्योंकि इस तरह के होम लोन में जरूरत पड़ने पर एक निश्चित राशि बचत खाते की तरह निकाल सकते हैं। हालांकि, बैंक इस सुविधा को कुछ खास शर्तों के साथ देता है। आइए जानते हैं इसके बारे में…

क्या होता है होम लोन ओवरड्राफ्ट – होम लोन लेते समय सभी कर्जदारों का मासिक किश्त बैंक में जमा करनी होती है। वहीं होम लोन के पहले भुगतान करने पर बैंक किसी तरह का शुल्क नहीं लेते। ओवरड्राफ्ट सुविधा में अगर आप तय सीमा से ज्यादा रकम ईएमआई के जरिए जमा करते हैं तो जरूरत पड़ने पर उसे निकाल सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है ओवरड्राफ्ट – आपने यदि 30 लाख रुपये का होम लोन अनुमानित 10 फीसदी ब्याज पर 20 साल के लिए लिया है तो उसकी ईएमआई करीब 29 हजार रुपये होगी। होम लोन लेने के छह माह या एक साल बाद आपके पास 50 हजार या एक लाख रुपये अतिरिक्त बचत के रूप में आते हैं और उसे होम लोन खाता में डाल देते हैं।

होम लोन से कैसे अलग है ओवरड्राफ्ट होम लोन – अगर सामान्य होम लोन लिया जाता है तो लोन अकाउंट में पूर्व भुगतान के तौर पर 50 हजार या एक लाख रुपये जमा करने होते हैं। उस होम लोन से कम कर दिया जाता है। इससे होम लोन का बोझ जरूर करम होता है। लेकिन जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त जमा राशि को आप निकाल नहीं सकते।

एक साल बाद यदि आपका लोन घटकर अगर 29.50 लाख रुपये हो जाता है और एक लाख रुपये आप अतिरिक्त होम लोन खाता में डाल देते हैं तो ओवरड्राफ्ट सुविधा के तहत ब्याज सिर्फ 28.50 लाख रुपये पर लगेगा। साथ ही जरूरत पर एक लाख रुपये कभी भी निकाल सकते हैं।

यह भी पढ़ें: होम लोन लेना हुआ आसान, अप्लाई करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, आसानी से होगा अप्रूव

होम लोन से कैसे अलग है ओवरड्राफ्ट होम लोन – अगर सामान्य होम लोन लिया जाता है तो लोन अकाउंट में पूर्व भुगतान के तौर पर 50 हजार या एक लाख रुपये जमा करने होते हैं। उस होम लोन से कम कर दिया जाता है। इससे होम लोन का बोझ जरूर करम होता है। लेकिन जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त जमा राशि को आप निकाल नहीं सकते।