सरकार ने एक बार फिर फिस्‍कल ईयर 2020-21 के लिए इनकम टैक्‍स रिटर्न यानी आईटीआर दाखिल करने की डेडलाइन को 30 सितंबर, 2021 से तीन महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दिया है। नए इनकम टैक्‍स पोर्टल में आ रही गड़बड़ियों के कारण इस समय सीमा को आगे बढ़ाया गया है। जिसकी वजह से कई टैक्‍सपेयर्स को अपना आईटीआर फाइल करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

इस वित्तीय वर्ष में यह दूसरी बार है जब सरकार ने उन व्यक्तियों के लिए आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाया है, जिनके अकाउंट का ऑडिट करने की जरुरत नहीं है। इससे पहले, कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण, आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई की सामान्य समय सीमा से 30 सितंबर, 2021 तक दो महीने बढ़ाया गया था।

नए ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी खराबी
कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि नए आयकर पोर्टल में गड़बड़ियों के कारण आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर, 2021 से आगे बढ़ाई जा सकता है। कर विभाग का नया लॉन्च किया गया आयकर फाइलिंग पोर्टल अपने लॉन्च के पहले दिन से ही तकनीकी खराबियों से जूझ रहा है। कई टैक्स फाइलर्स को पोर्टल का उपयोग करके अपना रिटर्न दाखिल करने में मुश्किल हो रही है।

कई टैक्‍सपेयर्स ने फाइलिंग प्रोसेस के विभिन्न स्‍टेप्‍स के दौरान आने वाली समस्याओं की शिकायत भी की थी। कुछ करदाताओं ने यह भी शिकायत की कि 31 जुलाई, 2021 के बाद आईटीआर दाखिल करते समय ब्याज और लेट फीस लिया गया था, जबकि आईटीआर फाइल करने की सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था।

सरकार ने पहले इंप्‍लॉयर से फॉर्म 16 प्राप्त करने की समय सीमा दो बार पहले 15 जून, 2021 से बढ़ाकर 15 जुलाई, 2021 और फिर 31 जुलाई, 2021 तक कर दी थी। लोगों के पास अपना आईटीआर दाखिल करने के लिए ठीक दो महीने बचे थे। हालांकि, नया पोर्टल धीमा होने के कारण टैक्‍सपेयर्स के लिए अपना रिटर्न दाखिल करना मुश्किल हो गया था।

आईटीआर फाइल करने की लास्‍ट डेट मिस करने पर टैक्‍सपेयर्स पर ब्‍याज लगाया जाता है। डेडलाइन खत्‍म होने के बाद टैक्‍सपेयर द्वारा आईटीआर दाखिल करने पर 5,000 रुपए का लेट फीस फाइन लगाया जाता है। ध्यान रहे कि सरकार ने भी देरी से आईटीआर फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर, 2021 की नई समय सीमा से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2022 कर दी है। अगर आईटीआर 31 जनवरी, 2022 तक दाखिल नहीं किया गया है, तो इस मामले में बकाया कर का भुगतान न करने पर 5,000 रुपए प्रति माह की दर से दंडात्मक ब्याज के साथ लेट फाइलिंग शुल्क लगाया जाएगा।