फिक्स्ड डिपॉजिट कमाई कराने के मामले में बेहतर एसेट माना जाता है। इसका कारण है कि इसमें बाजार जोखिम जुडा नहीं होता है। जिसकी वजह से आपका रुपया सुरक्षित रहता है और रिटर्न की गारंटी होती है। वैसे फिक्स्ड डिपॉजिट पर आपको टैक्स में भी बचत होती है। इसके लिए आपको 5 साल तक की फिक्स्ड डिपॉजिट करानी होती है। इससे कम के टेन्योर में आपको टैक्स में बचत की सुविधा नहीं मिलती है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखना काफी जरूरी है कि आप निवेश बीच में टूटा नहीं। वर्ना आपको भी कोई फायदा नहीं होगा।
1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट : टैक्स सेविंग एफडी में आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स बचाने के लिए निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको कम से कम पांच साल की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करना होगा। जिससे आप अधिकतम 1.5 लाख रुपए की टैक्स छूट ले सकते हैं। वैसे टैक्स सेविंंग एफडी स्कीम में निवेश अधिकतम 10 साल के लिए कर सकते हैं। मौजूदा समय में बैंक पांच साल की एफडी पर 5.30 फीसदी से लेकर 6 फीसदी प्रति वर्ष का ब्यााज दे रहे हैं। इसमें आप 100 रुुुपसे लेकर 1.50 रुपए तक सालाना निवेश कर सकते हैं।
टैक्स सेवर FD के फायदे : आयकर (आईटी) अधिनियम, 1961 की धारा 80सी में टैक्स छूट मिलती है।
– 5 साल के लॉक-इन टेन्योर पूरा करने के बाद आप समय से पहले रुपया निकाल सकते हैं।
– अधिकतर बैंक सीनियर सिटीजंस को 0.50 फीसदी ज्यादा ब्याज देते हैं।
– ज्यादातर टैक्स सेविंग एफडी स्कीम में ज्वाइंट अकाउंट भी खोला जा सकता है।
– ज्वाइंट अकाउंट में प्राइमरी अकाउंट होल्डर को ही टैक्स में छूट मिलती है।
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए एलिजिबिलिटी : भारतीय निवासी होना जरूरी।
– हिंदू अविभाजित परिवार (HUF)
– आप सिंगल और ज्वाइंट अकाउंट में टैक्स सेविंग FD खोल सकते हैं।
टैक्स सेविंग एफडी अकाउंट खोलने के लिए डॉक्युमेंट्स : – पैन कार्ड होना चाहिए।
– आधार कार्ड
– ड्राइविंग लाइसेंस
– पासपोर्ट
– राशन पत्रिका
– वोटर आई कार्ड
– सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पते का प्रमाण
– आयु का प्रमाण (वरिष्ठ नागरिकों के लिए)
– 2 लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो
फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स कटौती : मौजूदा टैक्स कानूनों के अनुसार एक व्यक्ति 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश पर टैक्स कटौती का दावा कर सकता है। आइए आपको भी बताते हैं नियम और शर्तें।
– हिंदू संयुक्त परिवार (एचयूएफ) और इंडिविजुअल व्यक्ति ही टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर सकता है।
– टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।
– सहकारी और ग्रामीण बैंकों को छोड़कर, इन फिक्स्ड डिपॉजिट में किसी भी प्राइवेट या सरकारी सेक्टर बैंकों के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।
– 5 साल की पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट भी 1961 के आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत टैक्स सेविंग का फायदा लिया जा सकता है।
– पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट को एक ब्रांंच से दूसरे ब्रांच में आसानी से ट्रांसफर कराया जा सकता है।
– इन फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है, इसलिए इस पर टीडीएस लागू है।
– टैक्स डिडक्टिबल फिक्स्ड डिपॉजिट में नॉमिनेशन की सुविधा होती है।

