आयकर विभाग (Income Tax Department) की ओर से हाल ही में इस साल 1 अप्रैल से 31 अगस्त के बीच 1.97 करोड़ से अधिक टैक्सपेयरों के खाते में 1.14 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया है। वहीं कई टैक्सपेयर्स ऐसे हैं, जिनके खाते में अभी रिफंड (Income Tax Refund) नहीं पहुंचा है। इसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं।
फॉर्म 16 में कटौती की राशि और दायर आयकर रिटर्न (ITR) में सही जानकारी नहीं होने पर करदाता आयकर विभाग से नोटिस प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में टैक्सपेयर्स को यह नहीं पता होता है कि इस पर क्या किया जाए या क्या करना चाहिए। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इनकम टैक्स विभाग के नोटिस का जवाब नहीं देने पर टैक्सपेयर्स पर 200 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जा सकता है।
टैक्स एंड कंस्लटिंग फर्म AKM Global के टैक्स मार्केट हेड येशु सहगल ने CNBC-TV18 से कहा कि आयकर विभाग की ओर से जारी किया गया नोटिस एक रिमाइंडर होता है। अगर आपकी पूरी जानकारियां करेक्ट हैं तो टैक्सपेयर्स को ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर लॉग इन करना चाहिए और नोटिक जारी होने के 15 दिनों के भीतर नोटिस पर रिस्पांस करना चाहिए। उन्होंने कहा कि करदाताओं को कटौती का सबूत अपने पास रखना चाहिए, ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।
अगर करदाता किसी भी गलत दावे या चूक पर आयकर विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिस पर 15 दिनों के भीतर कारण या कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है तो इनकम टैक्स विभाग की ओर से उसपर 200 फीसदी का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही आयकर रिटर्न को भी संशोधित करना होगा। ऐसे में अगर आपको भी ऐसा कोई नोटिस जारी होता है तो आयकर विभाग से संपर्क कर इन समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए।
आयकर (आईटी) विभाग करदाताओं को आईटीआर दाखिल करके कर के किसी भी अतिरिक्त भुगतान का दावा करने की अनुमति देता है। योग्य करदाता ई-फाइलिंग वेबसाइट- incometaxindiaefiling.gov.in या नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की ई-गवर्नेंस वेबसाइट-tin.tin.nsdl.com के माध्यम से ऑनलाइन टैक्स रिफंड की स्टेटस की जांच कर सकते हैं।