वार्षिक बचत योजनाओं में हर साल कुछ कुछ पैसे जमा करने होते हैं। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो आपके द्वारा ली गई बचत योजना बंद भी हो सकती है। ऐसे में उस योजना को सुचारू रखने के लिए आपको एक निश्चित राशि हर साल जमा करनी होती है। इन योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन सिस्टम(NPS) और सुकन्या समृद्धि योजना ( SSY) का नाम शामिल हैं। यदि आपने इन योजनाओं में से कोई एक योजना या एक अधिक योजना ले रखी है तो आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि आप 31 मार्च से पहले एक निश्चित राशि इन योजनाओं में जमा कराएं अन्यथा आपका अकाउंट बंद या निष्क्रिय हो जाएगा।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): एक वित्त वर्ष में आपको अपने पीपीएफ अकाउंट में 31 मार्च से तक कम से कम 500 रुपए जमा करने होते हैं। यदि आप 31 मार्च तक अपने पीपीएफ अकाउंट में पैसे नहीं जमा कर पाते हैं तो आपको 50 रुपए की पेनल्टी देनी होगी। जितने साल आप न्यूनतम राशि का भुगतान नहीं करते हैं उतने साल की पेनल्टी और न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा। इसके साथ आपने जितने साल न्यूनतम राशि का भुगतान नहीं किया है उतने साल आपके खाते को निष्क्रिय माना जाएगा। निष्क्रिय निष्क्रिय खाते पर जमा राशि पर लोन और निकासी की सुविधा भी नहीं मिलती है।

निष्क्रिय खाते को केवल योजना की अवधि पूरी होने तक सक्रिय कराया जा सकता है। यदि आप अपने पीपीएफ अकाउंट को सक्रिय नहीं कराते हैं तो फिर योजना की अवधि पूरी होने के बाद जमा जमा राशि का भुगतान ब्याज के साथ कर दिया जाता है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): 31 मार्च से पहले एनपीएस के टियर 1 शहरों में रहने वाले खाताधारकों को 1000 रुपए की राशि हर साल जमा करनी होती है। यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो वर्तमान नियमों के मुताबिक उनका खाता निष्क्रिय हो जाएगा और जितने वर्ष तक उन्होंने भुगतान नहीं किया है 100 रुपए प्रति वर्ष की जर्मनी के हिसाब से न्यूनतम राशि का भुगतान करना पड़ेगा। यहां बता दें कि टियर 1 शहरों को छोड़कर अन्य शहरों में न्यूनतम भुगतान की कोई अनिवार्यता नहीं है।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): इस योजना को चालू रखने के लिए आप को प्रति वर्ष कम से कम 250 रुपए जमा करने होते हैं जिसकी आखिरी तारीख 31 मार्च है। यदि आप न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं तो आपका खाता डिफॉल्ट जाएगा। 15 साल की अवधि तक ही आप अपने खाते को नियमित करा सकते हैं लेकिन खाते को नियमित कराने के लिए आपको 50 रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से जुर्माना और न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा।