सेविंग खाता भारत के नागरिकों के लिए खोला जाता है, जो अपने पैसे को जमा कर ब्याज भी हासिल करते हैं। वहीं विदेशी पैसों के लिए एनआरई अकाउंट खोला जाता है, क्योंकि इसी खाते में विदेश से पैसा भेजा जाएगा। वर्तमान निवासी भारतीय बचत बैंक खाते को Non Resident External (NRE) खाते में नहीं बदला जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एनआरई खातों का उद्देश्य केवल विदेश से आपकी आय को बचाने में मदद करना है।
SBI NRI FAQ पेज के मुताबिक, “आप अपने मौजूदा खाते को NRO खाते में फिर से नामित कर सकते हैं। अपने खाते को बदलने के लिए, ‘डाउनलोड फॉर्म’ से आवासीय स्थिति बदलने पर ‘निवासी भारतीय बचत बैंक खाते को एनआरओ बचत बैंक खाते में बदलने के लिए’ विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद एक मानक अनुरोध पत्र डाउनलोड करें और इसे अपनी होम शाखा में पोस्ट/कूरियर के साथ भेजें।”
वहीं अगर आपकी आवासीय पता अब एनआरआई में बदल गया है तो आपको अपने निवासी बचत खाते को तुरंत बंद कर देना होगा या इसे एक एनआरआई खाते के रूप में फिर से रजिस्टर्ड करना होगा।
निवासी खाते को एनआरआई खाते में कैसे बदलें?
कई भारतीय मूल निवासी Non-Resident Ordinary (NRO) अकाउंट्स का उपयोग करके भारत में प्राप्त अपनी बचत या आय को संभालते हैं। आप इस खाते से भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा दोनों जगहों की करेंसी जमा कर सकते हैं। हालांकि NRO खाते भारतीय मुद्रा में होता है और किसी भी विदेशी मुद्रा में स्वतंत्र रूप से परिवर्तित नहीं किए जा सकते हैं, केवल भारतीय मुद्रा ही निकाली जा सकती है।
वहीं अगर कोई एनआरआई अपने सेविंग खाते को एनआरओ में कनवर्ट नहीं कराता है तो उसपर खाते में जमा रकम के तीन गुना या फिर 2 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, खाता कनवर्ट नहीं कराने पर 5000 रुपए हर दिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जा सकता है।
सेविंग खाते को NRO खाते में बदलने के लिए आवश्यक दस्तावेज
NRO चेंजिंग फॉर्म, जिसपर एनआरआई होने की पुष्टि हो। साथ ही सेल्फ वेरिफाई पैन कार्ड या फॉर्म 60, पासपोर्ट और वीजा की कॉपी, विदेश में निवासी का पता, पता प्रमाण पत्र या विदेशी प्रमाण आवश्यक है।
NRI, NRO और NRE बैंक अकाउंट में अंतर
भारतीय मूल के निवासी, जो विदेश में रहते हैं को NRI कहा जाता है और अगर ये भारत में खाता खुलवाते हैं तो यह एनआरआई अकाउंट कहलाता है। NRI अकाउंट दो प्रकार NRO और NRE होते हैं।
NRE अकाउंट रुपी अकाउंट है, जिसे बैंक में खुलवाया जा सकता है। इसपर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होता है। एनआरई अकाउंट में विदेश से भारत में पैसा भेजा जाता है। वहीं रुपए के लेनदेन के लिए NRI एक NRO अकाउंट खुलवा सकते हैं। NRO अकाउंट में बैलेंस नॉन-रिपैट्रिएबल होता है। लेनदेन के लिए इसमें लिमिट होती है। एनआरओ खाते से केवल भारतीय करेंसी में रकम निकाली जा सकती है।