भले ही देश में करोड़ों लोगों को कोरोना की दो डोज लग चुकी हैं और पहली डोज लगवाने वालों की संख्‍या में काफी इजाफा हो चुका है। उसके बाद भी कई लोग ऐसे हैं जो वैक्‍सीन लगवाने में कोई इंट्रस्‍ट नहीं दिखा रहे हैं। शायद उन्‍हें इस बात का भी डर है कि कहीं उन्‍हें कंपनी दोबारा से ऑफ‍िस बुलाना शुरू ना कर दें। क्‍योंकि जिन कर्मचारियों ने वैक्‍सीन लगा ली है उन्‍हें कंपनियां दोबारा से ऑफ‍िस बुलाना शुरू कर रही हैं। मुमकिन देश में अधि‍कतर प्राइवेट कंपनियां अगले तीन से चार महीने में कर्मचारियों को बुलाना शुरू भी कर दें।

ऐसी स्थित‍ि में उन कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है जिन्‍होंने कोरोना वैक्‍सीन नहीं लगवाई है। इससे इंप्‍लाई की सैलरी के साथ-साथ करियर पर भी असर देखने को मिल सकता है। अब कंपनियों ने वैक्‍सीन उनकी सैलरी से कनेक्‍ट कर दिया है। ताकि ज्‍यादा से ज्‍यादा इंप्‍लाई वैक्‍सीनेट हो जाएं और ऑफिस आकर काम करना शुरू कर दें। आपको बता दें क‍ि देश में करीब 4.2 फीसदी आबादी यानी लगभग 5.72 करोड़ लोग पूरी तरह से वैक्सिनेट हो चुकी है। जबकि 32.7 करोड़ लोग पहली डोज ले चुके हैं।

ऑफिस खोलने के बारे में सोच रही हैं कंपनियां : जानकारों की मानें तो देश की कई कंपनियां अलग 4 महीनों में ऑफ‍िस खोलने का मन बना रही है। यह तभी मुमकिन नहीं हो सकेगा जब तक सभी वैक्‍सीनेट नहीं हो जाते। अब कंपनियों ने अपने इंप्‍लॉयज की सैलरी, इंसेंटिव, कमीशन यहां तक कि इंक्रीमेंट तक को वैक्‍सीनेशन से जोड़ दिया है। जिन कर्मचारियों की ओर से अभी तक वैक्‍सीनेशन नहीं कराया है या फिर वैक्‍सीनेशन ना कराने के बारे में सोच रहे हैं अब उन वैक्‍सीनेशन का दबाव बन सके।

कंपनियों ने दिखानी शुरू की सख्‍ती : कंपन‍ियां अपने उन कर्मचारियों पर सख्‍ती दिखा रही हैं जिन्‍होंने जानबूझकर वैक्‍सीन नहीं लगवाई है या फ‍िर ना लगवाने के बारे में विचार कर रहे हैं। कई कंपनियों के टॉप मैनेज्‍मेंट का मानना है कि कई लोग वैक्‍सीनेशन ना लगवाकर कई लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में उन्‍होंने अपने इंप्‍लायज को साफ कर दिया है कि अगर वो वैक्‍सीनेशन नहीं लगवाते हैं तो उनके करि‍यर पर इसका असर देखने को मिल सकता है। कई कंपनियों की ओर से अपने स्‍टाफ को वैक्‍सीनेशन लगवाने के लिए भी कहा है और ऐसा ना करने पर इंक्रीमेंट ना करने की बात भी कही है।

कुछ कंपनियों ने रोक दी है सैलरी : जानकारों के अनुसार कई कंपनियों की ओर से अपने उन कर्मचारियों की ओर से साफ कहा गया है कि अगर उन्‍होंने समय पर वैक्‍सीन नहीं लगवाई है या नहीं लगवाना चाहते हैं तो उनकी सैलरी का 5 फीसदी हिस्‍सा रोक दिया जाएगा। यानी 50 हजार रुपए की सैलरी पाले वालों का 2500 रुपए रोक लिए जाएंगे। यह रुपया उन्‍हें उस दिन मिलेगा जिस दिन वो वैक्‍सीनेट हो जाएंगे। कंपनियां ऐसे फैसले इसलिए ले रही हैं ताकि ऑफ‍िस खोलते वक्‍त किसी तरह का खतरा ना रहे।