दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) कर्मचारियों का कहना है कि उनकी सैलरी पिछले 11 साल से नहीं बढ़ी है। ऐसे में महंगाई के दौर में परिवार का पालन पोषण करने में मुश्किल हो रही है। आपको बता दें कोरोना महामारी की शुरुआत से ही DDMA फ्रंटलाइन वर्कस की तरह काम कर रही है। लेकिन राज्य सरकार की ओर से इन्हें फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोई सुविधा नहीं दी जा रही।

DDMA कर्मचारियों की माने तो फिलहाल उनके पास कोई मेडिकल सुविधा नहीं है। जबकि DDMA के कर्मचारी आपदा के समय सबसे आगे रहते है और सभी कामों को जिम्मेदारी से पूरा करते है। इसके अलावा कर्मचारियों का कहना कि, सैलरी नहीं बढ़ने की वजह से बहुत से कर्मचारी नौकरी छोड़ कर दूसरे काम कर रहे हैं।

DDMA के कर्मचारियों के अनुसार कोरोना महामारी में काम का बोझ तो बढ़ा लेकिन राज्य सरकार ने कोई सुविधा और सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं की। उन्होंने बताया कि, जबकि दूसरे राज्यों में आपदा प्रबंधन में ही काम करने वाले लोगों को अच्छी सैलरी मिल रही है। कर्मचारियों ने बताया कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवार और दिल्ली के उपराज्यपाल से सैलरी बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन आश्वासन के अलावा अभी तक कुछ नहीं मिला है।

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर सैलरी बढ़ाने की मांग करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार से सरकारी कर्मचारियों के तौर पर मान्या सहित वेतन वृद्धि की मांगी की। वहीं दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मुख्यमंत्री आवास से कुछ मीटर पहले ही रोक लिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए और विरोध करने लगे।

यह भी पढ़ें: 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को DA और HRA के साथ इन चीजों में बढ़ोतरी की उम्‍मीद, इतनी बढ़कर आएगी सैलरी

वर्तमान में दिल्ली के आंगनवाड़ी केंद्रों में लगभग 22 हजार कार्यकर्ता और सहायिका कार्यरत हैं। जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 9,678 रुपये मासिक मानदेय और सहायिकाओं को 4,839 रुपये का मानदेय मिलता है। ये मानदेय 2017 में हड़ताल के बाद क्रमश: 5000 रुपये और 2,500 रुपये से बढ़ाया गया था। वहीं प्रदर्शनकारियों की मांग है कि, आंगनवाड़ी कार्यकताओं को 25 हजार रुपये और हेल्पर्स को 20 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाए।