गुजरात सरकार ने सरकारी अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टर्स और गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों के लिए नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस का भुगतान करने के लिए सातवें वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से क्या आदेश दिया गया है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने इसे डॉक्टर्स और मेडिकल कॉलेज के टीचर्स के लिए रक्षाबंधन उपहार के रूप में घोषित किया, जो इसके लिए दबाव बना रहे थे और यहां तक कि मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने फेसबुक पेज पर लिखा कि कि रक्षाबंधन उपहार के रूप में सरकारी अस्पतालों के योग्य इन-सर्विस डॉक्टर्स और जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के अनुसार एनपीए को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इस साल मई में छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों के लिए 7वें वेतन आयोग के अनुसार नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस को मंजूरी दी थी। डॉक्टर्स द्वारा आठ जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों के साथ हड़ताल खत्म करने पर सहमति जताने के बाद ऐसा किया गया।
यह ध्यान देने वाली बात यह है कि कि जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज राज्य के स्वास्थ्य विभाग के गुजरात मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी के तहत स्थापित अर्ध-सरकारी संस्थान हैं। गुजरात मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (जीएमटीए) के अध्यक्ष डॉ रजनीश पटेल ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है।
पटेल के अनुसार यह एक स्वागत योग्य कदम है कि सरकार ने जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों और सेवारत डॉक्टरों की लंबित मांगों को स्वीकार कर लिया है। वे जीएमटीए द्वारा बुलाई गई हड़ताल का हिस्सा थे, लेकिन सरकार ने पहले इसे मंजूरी नहीं दी थी।