Paytm Share Price: डिजिटल भुगतान की दिग्गज कंपनी पेटीएम पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। अब पेटीएम ने इन खबरों वाली मीडिया रिपोर्टों के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कोई नया नोटिस मिलने या पूछताछ किए जाने से इनकार किया है।

एक आधिकारिक बयान में पेटीएम ने स्पष्ट किया कि 24 जनवरी, 2025 को मीडिया आउटलेट्स द्वारा प्रसारित जानकारी “तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक थी।” कंपनी ने इस बात पर जोर दिया कि इन रिपोर्टों के प्रकाशन से पहले सत्यापन के लिए मीडिया द्वारा उससे संपर्क नहीं किया गया था।

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4 सितंबर, 2022 के पिछले पत्र का हवाला देते हुए, पेटीएम ने दोहराया कि ईडी की जांच में कुछ थर्ड-पार्टी मर्चेंट शामिल थे, जिनके लिए कंपनी ने पेमेंट प्रोसेसिंग सॉल्यूशंस प्रोवाइड कराए थे। पेटीएम ने कहा कि ये मर्चेंट स्वतंत्र तौर पर काम करते हैं और कंपनी के कॉर्पोरेट ढांचे का हिस्सा नहीं हैं। कंपनी ने इससे पहले अधिकारियों के साथ अपने पूर्ण सहयोग और सभी निर्देशों के अनुपालन की पुष्टि की।

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पेटीएम के शेयर में 9 फीसदी की गिरावट

पेटीएम द्वारा HPZ Token क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल होने के आरोपों को खारिज किए जाने के बावजूद कंपनी के शेयर्स शुक्रवार को बुरी तरह धड़ाम हो गए। पेटीएम के शेयरों में कथित ईडी जांच की खबरों के बाच 9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट हो गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर यह शेयर 773.90 पर आ गया था।

पेटीएम ने इस गिरावट और आरोपों के बीच निवेशकों व स्टेकहोल्डर्स से गुहार लगाई कि बेकार की बिना जांचे और वेरिफाई किए गए छापी गईं मीडिया रिपोर्ट्स को नजरअंदाज करें। पेटीएम ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी SEBI (Listing Obligations and Disclosure Requirements) Regulations, 2015 के तहत दी जाएगी।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी घोटाला (What is Cryptocurrency Scam)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने Razorpay, PayU, Easebuzz और पेटीएम समेत 8 पेमेंट गेटवेज से लिंक वर्चुअल अकाउंट्स में करीब 500 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं। यह घोटाला कथित तौर पर दस चीनी नागरिकों द्वारा किया गया था, जिसमें कथित तौर पर एचपीजेड टोकन मोबाइल ऐप के जरिए 20 राज्यों में निवेशकों से 2,200 करोड़ रुपये से ज्यादा इकट्ठा किए गए थे।

धोखाधड़ी के दौरान व्यक्तियों को बिटकॉइन सहित क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग वेंचर्स में निवेश करने के लिए लुभाना शामिल था। अपराधियों ने कई राज्यों में फर्जी कंपनियों का एक नेटवर्क स्थापित किया और फंड जमा करने के लिए 200 से ज्यादा बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल किया। घोटाले के कुछ आंकड़ों में शामिल हैं:

दिल्ली: 84 बैंक खातों वाली 50 से अधिक कंपनियां।
कर्नाटक: 37 बैंक खातों वाली 26 कंपनियां।
अन्य राज्य: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल।

ED द्वारा फ्रीज किए गए फंड्स

ईडी की कार्रवाई के परिणामस्वरूप विभिन्न भुगतान प्लेटफार्मों पर रोकी गई जमा धनराशि…

PayU: 130 करोड़ रुपये
Easebuzz: 33.4 करोड़ रुपये
Razorpay: 18 करोड़ रुपये
CashFree: 10.6 करोड़ रुपये
Paytm: 2.8 करोड़ रुपये

वंडरबेक्ड (WunderBaked), एग्रीपे (AgreePay) और स्पीडपे (SpeedPay) जैसे अन्य प्लेटफॉर्म भी कथित तौर पर घोटाले के लिए वित्तीय लेनदेन की सुविधा प्रोवाइड कराने में शामिल थे।

जबकि पेटीएम का कहना है कि उसे ईडी से कोई नया नोटिस नहीं मिला है, तीसरे पक्ष के मर्चेंट्स की चल रही जांच कंपनी के स्टॉक प्रदर्शन और बाजार धारणा को प्रभावित कर रही है। कंपनी पारदर्शिता और नियामक अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है।