मोबाइल वैलेट पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा शुरुआती दौर में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करते थे। मन में कुछ नया करने की चाहत के कारण उन्होंने छह महीने में ही नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने पहले वन97 और उसके बाद पेटीएम जैसी कंपनी खड़ी करने में कामयाब हुए। आज उनकी कंपनी का कुल मूल्य 10 अरब डॉलर (63,537 करोड़ रुपये) हो चुका है। एक साल पहले विजय शेखर ने कंपनी का एक फीसद शेयर बेचा था। इसके जरिये उन्होंने 325 करोड़ रुपये जुटाए थे। विजय शेखर शर्मा ही नहीं कंपनी के तकरीबन 200 मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों ने भी अपने इंप्लॉई स्टॉक ऑप्शंस (ईएसओपी) बेचकर करोड़पतियों की श्रेणी में आ गए हैं। कर्मचारियों द्वारा बेचे गए इएसओपी का कुल मूल्य 300 करोड़ रुपये आंका गया है। इस कदम के बाद दस अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचते ही पेटीएम फ्लिपकार्ट (12 अरब डॉलर) के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी वैल्यूबल स्टार्टअप बन गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम कंपनी के साथ शुरुआत से ही जुड़े कर्मचारियों को ईएसओपी का फायदा दिया गया था। यह लाभ वेतन के अतिरिक्त था। इस दौरान बहुत से कर्मचारी कंपनी छोड़ कर चले भी गए थे। अब ऐसे तकरीबन 200 कर्मचारियों ने अपने स्टॉक आप्शंस बेच दिए हैं। इसे खरीदने वालों में विदेशी निवेशक भी शामिल हैं। मालूम हो कि जापानी निवेशक सॉफ्टबैंक ने पिछले साल पेटीएम की मूल कंपनी वन97 में 1.4 अरब डॉलर (9,000 करोड़ रुपये) का निवेश किया था। मालूम हो कि फ्लिपकार्ट ने हाल में ही अपने तीन हजार कर्मचारियों को ईएसओपी मुहैया कराया था। इसका कुल मूल्य 100 मिलियन डॉलर है।

नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद पेटीएम को जबर्दस्त सफलता मिली थी। केंद्र सरकार की कैशलेस पहल के तहत लोगों ने मोबाइल वैलेट का व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था। इसके बाद कंपनी ने अन्य क्षेत्रों में भी कदम रखा। पेटीएम ने पेमेंट बैंक, पेटीएम मॉल और पेटीएम मनी जैसे वर्टिकल्स शुरू कर दिए। विजय शेखर शर्मा ने एक फीसद शेयर बेचने से मिली राशि का इस्तेमाल पेटीएम पेमेंट्स बैंक में किया था। पेमेंंट बैंक की अनुमति मिलने के बाद कई कंपनियों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं।