Patanjali Ayurved, Baba Ramdev: बीते फाइनेंशियल ईयर के आखिरी महीने यानी मार्च में पाम तेल का आयात बढ़ गया है।
ये वही तेल है जिसके आयात का विरोध योगगुरु रामदेव का विरोध भी करते हैं। आपको बता दें कि भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है। वहीं, कच्चे हल्के तेल की थोड़ी सी मात्रा के रूप में अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।
कितना हुआ आयात: सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के मुताबिक मार्च महीने में पाम तेल का आयात 56.50 प्रतिशत तक बढ़कर 5,26,463 टन हो गया। दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार भारत ने मार्च 2020 में 3,36,392 टन पाम तेल का आयात किया था। देश का कुल वनस्पति तेल आयात मार्च 2021 में मामूली रूप से बढ़कर 9,80,243 टन हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 9,55,422 टन था। (ये पढ़ें-आईपीओ लेकर आ रही पतंजलि!)
देश के कुल वनस्पति तेल के आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 60 फीसदी से अधिक की है। आपको बता दें कि तेल रिफायनिंग कंपनियां सूरजमुखी तेल महंगा पड़ने के कारण उसका आयात करने को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। यही वजह है कि रिफाइनिंग कंपनियों ने मार्च के दौरान अधिक मात्रा में पामतेल की खरीद की। (ये पढ़ें-इस कंपनी को खरीदने में रामदेव और अडानी के बीच हुई थी टक्कर)
रामदेव करते हैं आयात का विरोध: भारत में पाम तेल के आयात का विरोध घरेलू कारोबारियों के अलावा योगगुरु रामदेव भी करते हैं। हाल ही में रामदेव ने पाम ऑयल पर निर्भरता को कम करने के लिए अपने प्लान के बारे में जानकारी दी थी।
उन्होंने बताया था कि पतंजलि भारत में ऑयल पाम वृक्षारोपण और सरसों के तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने जा रही है, जिससे 2.5 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी।
श्रीलंका ने आयात पर लगाई है रोक: हाल ही में श्रीलंका ने पाम तेल के आयात पर रोक लगाई है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने स्थानीय बागान कंपनियों को उनके लगाये गए पॉम पौधों में से 10 प्रतिशत को उखाड़ फेंकने और उसके स्थान पर रबड़ के पेड़ या अन्य पर्यावरण अनुकूल फसल लगाने को भी आदेश दिया था।