ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज की रेटिंग के मुताबिक भारत में मॉनसून की चिंता कुछ हद तक कम हुई है लेकिन हालात सुधारने के लिए सरकार की ओर से बड़े कदम उठाने की जरूरत है। मूडीज ने भारतीय इकोनॉमी पर अपनी रिपोर्ट में इस साल जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
देश की अर्थव्यवस्था को रिफॉर्म करने के लिए विंटर सेशन में तो जैसे-तैसे भूमि अधिग्रहण बिल पास हो गया था, लेकिन विरोध अभी भी जारी है। वहीं अब बारी आई है कि जीएसटी बिल को पास कराने की। जो कि अटका हुआ है, हर रोज खबर यही आती है कि आज संसद में बिल पर चर्चा होगी लेकिन विपक्ष के हंगामे के आसार के चलते बिल पास होना इतना आसान नहीं है।
इस साल कृषि ग्रोथ पर दबाव रह सकता है, लेकिन मॉनसून की वजह से जीडीपी पर खास असर नहीं रहेगा। सितंबर अंत तक बुआई और मॉनसून की स्थिति साफ होगी। ग्रोथ और महंगाई अनुमान में बदलाव पर विचार सितंबर के बाद होगा। भारत की जीडीपी में कृषि ग्रोथ का अहम योगदान है, और मूडीज इस साल 7.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ अनुमान पर कायम है।
अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाले वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक के मानसून सत्र में पारित नहीं हो पाने से उद्योग जगत में चिंता बनी हुई है। विपक्ष के व्यवहार को लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरनाक मान रहे इंडिया इंक ने राजनीतिक दलों से देश के विकास के लिए जरूरी संसदीय काम को रफ्तार देने की अपील की है। जहां एक ओर अरुण जेटली ने संसद चलने की अपील की है तो वहीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने भी तीखे तेवर दिखा कर संसद में जारी गतिरोध को खत्म करने को कहा। लेकिन लगता है कि राहुल और सोनिया को देश की अर्थव्यवस्था की चिंता ही नहीं है।
संसद मे गतिरोध को खत्म करने के लिए न सिर्फ बीजेपी और सपा के मंत्रियों ने अपील की बल्कि जाने माने उद्योगपति राहुल बजाज, आदि गोदरेज और किरण मजूमदार-शॉ सहित 17 हजार उद्योगपतियों ने एक ऑनलाइन पिटीशन के माध्यम से संसद में गतिरोध खत्म करने की अपील कर रहे हैं। हालांकि, बुधवार को लोकसभा में ललितगेट पर चर्चा के साथ संसद में कामकाज की शुरुआत तो हुई, लेकिन अभी यह तय नहीं हो सका है कि कांग्रेस जीएसटी पर समर्थन के लिए तैयार है या नहीं।
संसद में गतिरोध खत्म करने की इंडिया इंक की यह मुहिम पांच दिन पहले उद्योग जगत के संगठन भारतीय उद्योग महासंघ (सीआइआइ) ने शुरू की थी। इंफोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन, हीरो समूह के अध्यक्ष पवन मुंजाल सहित अन्य शीर्ष उद्योगपति इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। चेंजडॉटओआरजी पर अब तक 17 हजार से अधिक लोग इस ऑनलाइन पिटीशन को अपना समर्थन दे चुके हैं।
ऑनलाइन पिटीशन के बारे में सीआइआइ का कहना है कि संसद में गतिरोध से भारत का लोकतंत्र कमजोर पड़ सकता है। हाल का घटनाक्रम निराशाजनक रहा है। इससे संसद में जनता की आस्था कम होने की आशंका है। इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हैं कि वे संसद में सहयोग और परामर्श प्रक्रिया अपनाएं और कानून बनाने में मदद करें।
इस प्रयास के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग की भारतीय लोकतंत्र में रुचि है और सभी चाहते हैं कि भारतीय संसद में कामकाज हो। इसलिए अगर कोई व्यक्ति यह सोचता है कि संसद से बाहर बैठा कोई व्यक्ति यह विचार व्यक्त नहीं कर सकता कि संसद में कामकाज होना चाहिए, ऐसे विचार को खारिज किया जाना चाहिए।