रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल पांच सितम्बर को समाप्त होने जा रहा है। उरिजीत पटेल उनके बाद आरबीआई की कमान संभालेंगे। राजन के सम्मान में शनिवार को वित्त मंत्रालय ने फेयरवैल डिनर का आयोजन किया। इसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली और मंत्रालय के आला अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। राजन अब अमेरिका लौटेंगे और अध्यापन के क्षेत्र में जाएंगे। वे शिकागो यूनिवर्सिटी से छुट्टी पर चल रहे हैं। वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के चीफ इकॉनॉमिस्ट के पद पर भी रह चुके हैं। तीन सितम्बर को उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में आरबीआई गवर्नर के रूप में आखिरी भाषण दिया। रोचक बात है कि राजन इसी कॉलेज में इकॉनॉमिक्स पढ़ना चाहते थे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
आरबीआई के गवर्नर पद पर रहने के दौरान राजन को कई निकनेम मिले। जैसे कि रॉकस्टार राजन और बॉन्ड ऑफ मिंट स्ट्रीट। राजन तीन साल तक गवर्नर पद पर रहे। उन्होंने 4 सितम्बर 2013 को पद संभाला और अपने कार्यकाल में रुपये को स्थिर रखने में बड़ी भूमिका निभाई थी। राजन को कई बार विरोध और आलोचना भी झेलनी पड़ी। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राजन पर खुलेआम निशाना साधा और पद से हटाने की मांग की। यहां तक कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की भी कई मुद्दों पर राजन से पटरी नहीं बैठी। हालांकि सार्वजनिक रूप से दोनों ने एक दूसरे पर हमला नहीं किया। राजन के बयान काफी दिलचस्प और ह्यूमर से लैस होते थे। राजन के 10 बड़े बयान:
1. ”मुझे नहीं पता आप मुझे क्या कहना चाहते हैं… सांता क्लॉज… आप मुझे बाज कह सकते हैं। मैं इनके पीछे नहीं जाता। मेरा नाम रघुराम राजन है और जो मैं कहना चाहता हूं वहीं करता हूं।”
2. ”डोसा बनाने की तकनीक बदली नहीं है। आज भी इसे बनाने वाला घोल को तवे पर डालता है। फिर इसे फैलाता है और बाद में समेट लेता है। इसमें तकनीकी रूप से कोई बदलाव नहीं आया है।”
3. ”मैं जेम्स बॉन्ड की छवि नहीं रखना चाहता। लेकिन एक बैंकर के रूप में मैं ऐसा कर लूंगा।”
4. ”हम न तो बाज है और न फाख्ता चिडि़या। वास्तव में हम उल्लू है।”
5. ”कोई भी अमीर और अन्यायी व्यक्ति के पीछे नहीं पड़ना चाहता, इसका मतलब है कि वे आसानी से बच निकलते हैं। यदि हमें मजबूत स्थायी वृद्धि रखनी है तो इस संस्कृति को छोड़ना होगा।”
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6. ”मुझे लगता है कि हमें अभी भी उस जगह पर पहुंचना है जहां जाकर हम संतुष्ट हो सके। ऐसी कहावत है कि-‘अंधों की धरती पर एक आंख वाला राजा होता है।’ हम उसी तरह के हैं।”
7. ”यह बेकरी वाले की दयालुता नहीं है कि हमें हर रोज ताजा ब्रेड मिलती है, बल्कि ऐसा उसकी पैसा कमाने की इच्छा के कारण होता है।”
8. ”आरबीआई का गवर्नर होने का मतलब वोट हासिल करना या फेसबुक लाइक लेना नहीं है। आलोचनाओं के बीच सही चीज करते जाना इसकी उम्मीद होनी चाहिए।”
9. ”उम्मीदें काफी ज्यादा है। साफ है कि मैं सुपरमैन नहीं हूं। भारत में थोड़ा उत्साह का माहौल रहता है।”
10. ”मेरे एक्सटेंशन को लेकर प्रेस को जो आनंद आ रहा है उसे बर्बाद करना निर्दयता होगी।”
