केंद्र सरकार ने आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए एक बार का विकल्प देने का फैसला किया है। हालांकि इसके लिए शर्त यह है कि उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) की अधिसूचना के लिए कट-ऑफ तारीख 22 दिसंबर 2003 से पहले की हो।
केंद्र सरकार ने लिया निर्णय
सरकार ने यह कदम विभिन्न न्यायालयों के निर्णयों के आधार पर लिया है। केंद्र ने कहा कि उसे इस संबंध में अखिल भारतीय सेवाओं (AIS), भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFoS) के अधिकारियों से प्रतिनिधित्व मिला है।
कौन ले सकता है ये लाभ?
केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 13 जुलाई को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि AIS के ऐसे अधिकारी जो 1 जनवरी 2004 या उसके बाद सेवा में शामिल होने पर एनपीएस के अंतर्गत आते हैं, उन्हें 1958 के तहत पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कवर होने के लिए के विकल्प दिया जा सकता है। सिविल सेवा परीक्षा 2003, सिविल सेवा परीक्षा 2004 और भारतीय वन सेवा परीक्षा 2003 के माध्यम से चयनित एआईएस के अधिकारी इसमें शामिल हैं।
कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से जुड़ने का मौका एक बार ही मिलेगा। वे 30 नवंबर 2023 तक जो अधिकारी पुरानी पेशन का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं करते हैं उन्हें पहले की तरह एनपीएस का लाभ मिलता रहेगा।
कई राज्य कर चुके हैं OPS की घोषणा
विपक्ष शासित कई राज्य ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की बात कह चुके हैं। कांग्रेस शासित राजस्थान और हिमाचल प्रदेश की सरकारों ने ओपीएस लागू करने की घोषणा कर दी है। 10 फरवरी को बजट 2023-24 पेश करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि वह राज्य के कर्मचारियों को एनपीएस की बजाय ओपीएस का लाभ देंगे। वहीं कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया जा चुका है। हिमाचल सरकार ने भी एक अप्रैल से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया है।