दुनिया के सबसे बड़े रिफाइनरी परिसर के मालिक अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी का मानना है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम अभी तीन से पांच साल तक निचले स्तर पर बने रहेंगे। इससे भारत जैसे शुद्ध आयातक देशों को फायदा होगा।

अंबानी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि जो स्थिति हम देख रहे हैं, यह लंबे समय तक निचले स्तर पर है। पहली बार ऐसा हुआ है कि आपूर्ति बढ़ने से तेल के दाम नीचे आए हैं। देश के सबसे अमीर व्यक्ति अंबानी ने कहा कि पूर्व में भी तेल के दाम चढ़े हैं। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ जब आपूर्ति मांग से अधिक होेने की वजह से दाम घटे हों।

यह भी पहला बार हुआ है कि अमेरिका में नवोन्मेषण की वजह से भारी मात्रा में तेल है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में तेल उत्पादन 10 लाख बैरल रोजाना से कम था, जो आज बढ़कर 90 लाख बैरल रोजाना पर पहुंच गया है। अंबानी ने कहा कि इस तरह की आपूर्ति से ओपेक के हाथ में नियंत्रण नहीं रह गया है। इस वजह से दुनिया में कच्चे तेल की अत्यधिक आपूर्ति हो गई है।

यह पूछने पर कि इस तरह का परिदृश्य कब तक रहेगा, मुकेश अंबानी ने कहा- मुझे लगता है कि कम से कम तीन से पांच साल तक, जब तक हम ढांचागत बदलाव नहीं देखते। लेकिन मैं हमेशा गलत साबित हुआ हूंं।

इसके प्रभाव के बारे में पूछने पर अंबानी ने कहा कि यह भारत जैसे देशों के लिए काफी अनुकूल स्थिति है, जो कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में है। इससे हमारे विदेशी विनिमय बिल में मदद मिलेगी। इससे सरकार के राजकोषीय घाटे में मदद मिलेगी, क्योंकि सरकार अधिक राजस्व जुटा पाएगी।

तेल आयातक देशों के लिए यह स्थिति फायदे की है। उन्होंने कहा कि कुल आर्थिक आधार पर यह अपस्फीति की स्थिति बनेगी। हम सभी अपस्फीति के खतरों के बारे में जानते हैं। इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंकों को अधिक समय तक ब्याज दरों को निचले स्तर पर रखना होगा, अंबानी ने कहा- निश्चित रूप से।