देश में एक बार फिर से जाली नोटों की संख्या में बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी हुई है इसका खुलासा आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के बैंकिंग सिस्टम ने वित्त वर्ष 2021-22 में 500 रुपए के 79,669 जाली नोटों को पकड़ा था जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 101 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा करीब 39,453 जाली नोटों का था।

वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 के जाली नोटों की संख्या में भी 54.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है पिछले वित्त वर्ष यह आंकड़ा 8,798 नोटों का था। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में 10 रुपए के 354 जाली नोट मिले हैं जिनकी संख्या पिछले वित्त वर्ष 304 थी जबकि 311, 20 रुपए के जाली नोट पकड़े गए हैं जिनकी संख्या पिछले वित्त वर्ष 267 थी।

वित्त वर्ष 2021-22 में कुल पकड़े गए नकली नोटों की संख्या 2,30,971 रही। वित्त वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 2,08,625 था जो वित्त वर्ष 2019-20 में 2,96,695 था।

आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में 10 रुपए के जाली नोट में की संख्या में 16.4, 20 रुपए के जाली नोटों की संख्या में 16.5 फीसदी, 50 रुपए के नकली नोटों की संख्या में 28.7 फीसदी, 100 रुपए के नकली नोटों की संख्या में 16.7 फीसदी, 200 रुपए के नकली नोटों की संख्या में 11.7 फीसदी, 500 रुपए के नकली नोटों की संख्या में 101.56 फीसदी और 2000 रुपए के नकली नोटों की संख्या में 54.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

रिपोर्ट में बताया गया कि नकली नोटों की संख्या में से 6.9 फीसदी नोट आरबीआई द्वारा पकड़े गए हैं जबकि बैंकों ने 93 फीसदी नोट पकड़े हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में नोटों की छपाई पर सरकार की ओर से 4,984 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं जो पिछले वित्त वर्ष (जुलाई 2020 से मार्च, 2021) तक 4012 करोड़ रुपए था।

रिपोर्ट में मुताबिक फटे पुराने नोटों की संख्या में 88.4 फीसदी का उछाल आया है। वित्त वर्ष में 1,878 करोड़ फटे पुराने नोट बैंकों की ओर से बदले गए जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 997 करोड़ था।