How to Make Withdrawals Under NPS : रिटायरमेंट के लिए कॉर्पस बनाना फाइनेंशियल प्लानिंग का जरूरी हिस्सा है और इसके लिए अपने निवेश को काफी लंबी अवधि तक बनाए रखना पड़ता है। रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़े होने के कारण नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) का मुख्य मकसद रिटायरमेंट के बाद पेंशन का इंतजाम करना है। यही वजह है कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और एम्प्लाइज प्रॉविडेंट फंड (EPF) की तरह ही एनपीएस में भी मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने को बढ़ावा नहीं दिया जाता है। लेकिन कई बार निवेशकों को अपनी जरूरतों के लिए रिटायरमेंट कॉर्पस से पैसे निकालने पड़ते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एनपीएस के नियमों में आंशिक निकासी (partial withdrawal) और प्री-मैच्योर यानी वक्त से पहले एग्जिट (premature exit) का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा मैच्योरिटी के समय अंतिम निकासी भी कुछ नियमों के तहत ही होती है। सरकार द्वारा समर्थित इस स्कीम का पूरा लाभ लेने के लिए इन तमाम नियमों की जानकारी होना जरूरी है। 

NPS के टियर 1 और टियर 2 अकाउंट

एनपीएस के तहत आप दो तरह के अकाउंट खोल सकते हैं : टियर 1 (Tier-I) और टियर 2 (Tier-II)। इसमें से टियर 1 खाता इस स्कीम का प्राइमरी रिटायरमेंट अकाउंट यानी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिहाज से प्रमुख खाता है, जबकि टियर 2 खाते का मुख्य मकसद निवेशकों को रिटर्न के लिए इनवेस्टमेंट का एक बेहतर जरिया मुहैया कराना है। हर निवेशक के लिए टियर 1 खाता खोलना जरूरी है, उसके बाद ही टियर 2 खाता खोला जा सकता है। टियर 2 खाते से पैसों की निकासी पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन टियर 1 अकाउंट से पैसों की निकासी कुछ खास नियमों और शर्तों के तहत ही की जा सकती है। 

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5 साल बाद आंशिक निकासी 

एनपीएस के टियर 1 खाते में जमा फंड से 5 साल बाद कुछ खास शर्तों के तहत आंशिक निकासी (partial withdrawal) की छूट दी गई है। 3 साल बाद आप एनपीएस के टियर 1 खाते में अपनी तरफ से जमा की कई रकम का अधिकतम 25 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। इस रकम में निवेश पर मिला रिटर्न और एंप्लॉयर की तरफ से किया गया कोई कंट्रीब्यूशन शामिल नहीं है। इस तरह की आंशिक निकासी निवेश की पूरी अवधि के दौरान अधिकतम 3 बार ही की जा सकती है। आंशिक निकासी की यह छूट इन खास उद्देश्यों के लिए की जा सकती है : 

– बीमारी के इलाज के लिए या कोई अक्षमता होने पर। 

– बच्चों की शिक्षा या शादी-ब्याह के लिए। 

– घर खरीदने या बनाने के लिए।

– कोई नया बिजनेस शुरू करने के लिए।

– अपने स्किल डेवलपमेंट से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए। 

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समय से पहले एग्जिट या पूर्ण निकासी 

एनपीएस में जमा पूरे फंड को आप 60 साल की मैच्योरिटी की उम्र पूरी होने से पहले भी निकालकर स्कीम से एग्जिट (Pre-mature Exit) कर सकते हैं। लेकिन इसकी इजाजत कुछ विशेष परिस्थितियों और शर्तों के साथ ही मिलती है।  

– NPS से प्री-मैच्योर एग्जिट की इजाजत अकाउंट ओपनिंग के 5 साल पूरे होने के बाद ही मिल सकती है। 

– अगर टोटल कॉर्पस 2.5 लाख रुपये या उससे कम है, तो पूरी रकम एक बार में निकालने की छूट है। 

– अगर कॉर्पस में जमा कुल रकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उसका 80 फीसदी हिस्सा एन्यूइटी खरीदने में निवेश करना जरूरी है, जिससे आपको रेगुलर पेंशन मिलेगी। बाकी 20 फीसदी रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है। 

– सब्सक्राइबर का निधन होने पर पूरा कॉर्पस उनके नॉमिनी/कानूनी वारिस को दे दिया जाता है। 

मैच्योरिटी पर एग्जिट 

एनपीएस की मैच्योरिटी सब्सक्राइबर की उम्र 60 साल होने पर है, जिसके बाद स्कीम से एग्जिट की इजाजत दी गई है। इसके लिए भी कुछ नियम तय किए गए हैं। 

–  मैच्योरिटी के समय एनपीएस के टियर 1 खाते में जमा कुल रकम 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो निवेशक एक बार में पूरी रकम निकाल सकते हैं। 

– मैच्योरिटी के समय एनपीएस के टियर 1 खाते में जमा कुल रकम 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर उसका अधिकतम 60 फीसदी हिस्सा की एकमुश्त निकाला जा सकता है। 

– बाकी 40 फीसदी रकम से पेंशन पाने के लिए एन्यूइटी लेना जरूरी है। सब्सक्राइबर चाहें तो कॉर्पस का इससे ज्यादा हिस्सा भी एन्यूइटी खरीदने के लिए निवेश कर सकते हैं। 

75 साल की उम्र तक किस्तों में निकासी 

एनपीएस स्कीम को मैनेज करने वाली पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 2023 से निकासी की एक नई व्यवस्था भी शुरू कर दी है, जिसे स्टैगर्ड विथड्रॉल (Staggered Withdrawal) कहा गया है। 

– स्टैगर्ड विथड्रॉल के तहत सब्सक्राबर चाहें तो 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद अपने एनपीएस कॉर्पस में जमा रकम को एकमुश्त निकालने की बजाय उसे सिस्टमैटिक लंप-सम विथड्रॉल (SLW) फैसिलिटी के तहत इंस्टॉलमेंट में निकाल सकते हैं।  

– इस नई सुविधा में भी 60 साल पूरे होने पर खाते में जमा 40 फीसदी रकम से एन्यूइटी खरीदना जरूरी है, जबकि बाकी बचे 60 फीसदी फंड को SLW के जरिये निकाला जा सकता है।

– स्टैगर्ड विथड्रॉल की इस सुविधा के तहत सब्सक्राइबर अपने फंड को 75 साल की उम्र होने तक मंथली, तिमाही, छमाही या सालाना किस्तों में निकाल सकते हैं।

टैक्स बेनिफिट 

एनपीएस के टियर 1 (Tier-I) एकाउंट में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है। सबसे पहले तो सेक्शन सेक्शन 80CCD (1) के तहत साल में 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर छूट मिलती है। इसके बाद सेक्शन 80CCD (1B) के तहत 50 हजार रुपये के अतिरिक्त निवेश पर भी टैक्स छूट मिलती है। इस तरह एनपीएस के जरिए एक वित्त वर्ष के दौरान कुल 2 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट ली जा सकती है। मैच्योरिटी पर एकमुश्त निकासी और एन्यूइटी खरीदने में निवेश की गई रकम पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन एन्यूइटी के जरिए होने वाली आय पर स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है।