नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के सब्सक्राइबर्स के लिए राहत भरी खबर है। बता दें कि सरकार ने उन्हें अपने रिटायरमेंट कॉर्पस का 80% तक एकमुश्त निकालने की अनुमति दे दी है, अगर एग्जिट के समय उनकी जमा पेंशन वेल्थ (APW) 12 लाख रुपये से ज्यादा है, तो बाकी 20% एन्युइटी में इन्वेस्ट करना होगा। एनपीए सब्सक्राइबर्स को पहले रिटायरमेंट कॉर्पस का सिर्फ 60% निकालने की इजाजत थी, जबकि बाकी रकम को एन्युइटी स्कीम में इन्वेस्ट करना होता था।
कुछ मामलों में 100% कॉर्पस निकालने की इजाजत
कुछ मामलों में (जैसे कि जब कुल रिटायरमेंट कॉर्पस 8 लाख रुपये तक हो) सबस्क्राइबर के पास पूरी 100% रकम निकालने का ऑप्शन होगा या वह 80% एकमुश्त निकाल सकता है और बाकी 20% एन्युइटी में इन्वेस्ट कर सकता है। जैसा कि 16 दिसंबर को जारी PFRDA अमेंडमेंट रेगुलेशंस, 2025 नोटिफिकेशन के अनुसार 12 लाख रुपये से ज्यादा कॉर्पस वालों पर लागू नियम हैं।
हालांकि, अगर रिटायरमेंट कॉर्पस 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच है, तो सब्सक्राइबर एकमुश्त 6 लाख रुपये तक निकाल सकता है और बाकी रकम एन्युइटी स्कीम में लगा सकता है।
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NPS लॉक-इन पीरियड नियम
नोटिफिकेशन में यह साफ तौर पर नहीं बताया गया है कि 5 वर्ष का लॉक-इन पीरियड ऑफिशियली हटा दिया गया है या नहीं। हालांकि, ऐसा लगता है कि जरूरी 5 वर्ष का लॉक-इन अब नॉन-गवर्नमेंट NPS सब्सक्राइबर्स पर लागू नहीं होता है।
NPS के तहत आने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए, किसी भी एग्जिट के लिए पांच साल का लॉक-इन पीरियड लागू रहता है। 60 साल की उम्र के बाद नॉर्मल एग्जिट की इजाजत है। अगर कुल पेंशन कॉर्पस 5 लाख रुपये से कम है, तो सब्सक्राइबर पूरी रकम निकाल सकता है।
हालांकि, अगर जमा हुआ कॉर्पस 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो 40% एन्युइटी में इन्वेस्ट करना होगा, जबकि बाकी रकम एक साथ निकाली जा सकती है।
