डाक विभाग ने मंगलवार को डाक जीवन बीमा पॉलिसी-ईपीएलआई बांड का डिजिटल संस्करण जारी किया। इसके बाद अब डिजिलॉकर के जरिये अंशधारकों की पहुंच पॉलिसी तक होगी। डॉक विभाग ने जानकारी दी कि, डिजिलॉकर की मदद से ईपीएलआई बांड से लोगों के दावों का जल्दी निपटान हो सकेगा। वहीं अब, सभी पुराने और नए डाक जीवन बीमा ग्राहक डिजिलॉकर से अपने पॉलिसी बांड की डिजिटल कॉपी डाउनलोड कर सकेंगे।

आसानी से कर सकेंगे भुगतान: इसको लेकर डाक विभाग ने अपने एक बयान में कहा कि, “डिजिलॉकर में सुरक्षित रूप से लॉग-इन करके, पॉलिसी धारक अपने मोबाइल फोन पर पॉलिसी बांड की डिजिटल कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं। डाक जीवन बीमा (पीएलआई) और ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) पॉलिसी बांड दोनों ‘इलेक्ट्रॉनिक रूप’ में उपलब्ध हैं।” इससे पॉलिसी धारक मोबाइल के जरिए आसानी से भुगतान भी कर सकेंगे। गौरतलब है कि इसका विकास इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी (Meity) मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय ई-संचालन प्रभाग ने किया है।

डाक विभाग ने कहा कि यदि धारक के पास होल लाइफ एश्योरेंस, कन्वर्टिबल होल लाइफ एश्योरेंस, चाइल्ड पॉलिसी, युगल सुरक्षा (पीएलआई में) एंडोमेंट एश्योरेंस, प्रत्याशित एंडोमेंट एश्योरेंस और ग्राम प्रिया जैसी कई डाक और ग्रामीण डाक जीवन बीमा पॉलिसी हैं तो डाक विभाग द्वारा पॉलिसी बांड जारी किए जाने के तुरंत बाद इसे डाउनलोड किया जा सकता है।

डिजिटल कॉपी मानी जाएगी वैध: ईपीएलआई बांड की शुरुआत करते हुए डाक विभाग के सचिव विनीत पांडेय ने बताया कि यह विभाग का डिजिलॉकर के साथ पहला एकीकरण है। ईपीएलआई बांड डिजिलॉकर के साथ सहयोग में उपलब्ध होगा। इस डिजिटल कॉपी को वैध माना जाएगा। ePLI Bond का इस्तेमाल पॉलिसी दस्तावेज में जरूरी किसी भी बदलाव को प्रूफ के रूप में किया जा सकेगा। अब अगर धारक को पते और नामांकन में बदलाव जैसे काम करवाने हैं तो इसके लिए फिजिकल कॉपी साथ रखने की आवश्यकता नहीं होगी।

जीवन बीमा स्कीम: बता दें कि भारत सरकार की जीवन बीमा स्कीम देश की सबसे पुरानी बीमा स्कीम है। इसे पोस्ट ऑफिस भी अपने बुनियादी काम के साथ बेचता है। भारत में इसकी शुरुआत ब्रिटिशराज में 1 फरवरी 1884 को पोस्टल लाइफ इंश्योरेंस यानी पीएलआई के तौर पर हुई थी।