भारत की करेंसी रुपया में बुधवार (19 अक्टूबर, 2022) को गिरकर रिकार्ड निचले स्तर 83.1 पर पहुंच गया। वहीं ब्रिटेन में महंगाई दर सितंबर में अनुमानों से अधिक रही है। इसके कारण उसकी करेंसी पाउंड में डॉलर के मुकाबले गिरी है। इसके अलावा गुरुवार (20 अक्टूबर, 2022) को जापान की मुद्रा येन ने 32 सालों के निचले स्तर का रिकार्ड तोड़ा है। अगस्त 1990 के बाद जापान की करेंसी येन, डॉलर के मुकाबले 150 पर पहुंच चुकी है।
रुपये के साथ-साथ डॉलर के मुकाबले अन्य करेंसी में गिरावट हुई है। ब्रिटेन पाउंट की वैल्यू 0.6 फीसदी गिरकर 1.125 डॉलर पर पहुंच गई है। ब्रिटेश मुद्रा में गिरावट की वजह सितंबर में जारी मुद्रास्फिति है, जो 10.1 प्रतिश रहा है। यह 40 साल का सबसे महंगा दर माना जा रहा है और यह एक्सपर्ट के अनुमान से अधिक है।
ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई दर के कारण ब्रिटेन पाउंड पर दबाव बढ़ने की आगे भी उम्मीद लगाई गई है। इसके साथ ही बैंक ऑफ इंग्लैंड भी अपने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। वहीं अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी अपने दरों में इजाफा कर सकता है, जिससे विश्व में मंदी की आशंका और बढ़ जाएगी। साथ ही भारत समेत अन्य देशों में महंगाई दर और बढ़ सकती है।
वहीं अन्य प्रमुख मुद्राओं के बीच यूरो ने डॉलर के मुकाबले तेजी दिखाई है और पिछले दिनों गिरावट को कवर करते हुए 0.9786 डॉलर पर थी, जो एक दिन पहले डॉलर की वृद्धि के दौरान कारोबार कर रही थी।
यूरोप में यूनाइटेड किंगडम में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यूरो पाउंड पर 0.37 फीसदी बढ़ा है। वहीं स्टर्लिंग 0.2 फीसदी बनाम डॉलर 1.1179 डॉलर पर था। इसके अलावा, कुछ अन्य देशों की करेंसी में भी गिरावट दर्ज की गई है।
चीनी मुद्रा की बात करें तो बढ़ते ग्रीनबैक ने सत्र की शुरुआत में चीनी करेंसी युआन को एशिया में 7.2794 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर धकेल दिया, 2011 में इस तरह के डेटा पहली बार उपलब्ध होने के बाद से इसका सबसे कमजोर स्तर है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन की करेंसी ने 10 दिनों में से सात दिनों तक गिरावट दर्ज की है।