प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवगठित नीति आयोग की छह फरवरी को पहली बैठक में इसके कामकाज का खाका प्रस्तुत करेंगे। आयोग के सदस्यों को पहली बार नयी संस्था से मोदी की उम्मीदों का सीधे पता चलेगा और उन्हें इस संस्था की कार्ययोजना को अंतिम स्वरूप देने में मदद मिलेगी। नीति आयोग का गठन इसी वर्ष पहली जनवरी को किया गया।

सूत्रों ने कहा ‘‘नीति (भारत परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय संस्थान) आयोग की पहली बैठक छह फरवरी को होनी है। उम्मीद है कि इससे नयी संस्था की भूमिका को लेकर चीजें स्पष्ट होंगी।’’

उन्होंने कहा ‘‘बैठक के बाद यह साफ होगा कि आयोग को सरकारी निकाय की मान्यता होगी या यह सिर्फ आर्थिक शोध संस्थान की भूमिका में रहेगा।’’

सूत्र ने कहा, ‘उम्मीद है नीति आयोग की पहली बैठक के बाद यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि सरकारी आय सृजन व व्यय निर्धारण के मॉडल तैयार करने में आयोग की क्या भूमिका होगी।’’

सूत्रों ने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक आठ फरवरी को होनी है जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के गर्वनर शामिल होंगे।

आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी ने सात दिसंबर को अपने निवास पर सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित की थी ताकि पूर्ववर्ती योजना आयोग की जगह बनी नयी संस्था पर उनकी राय ली जा सके।

सूत्रों ने कहा कि छह फरवरी को होने वाली बैठक शुरुआत है जिसके बाद संचालन परिषद की बैठक होगी। उक्त बैठक में आयोग की संचालन परिषद का एजेंडा तय होगा।

राजग सरकार ने लगभग 65 साल पुराने योजना आयोग की जगह पर नीति आयोग का गठन किया है। आयोग के पहले उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और एक पूर्णकालिक सदस्य विवेक देबराय ने इसी महीने संस्था में अपना कार्यभार संभाल लिया है। एक अन्य पूर्णकालिक सदस्य वी के सारस्वत जल्दी ही अपना काम संभालने वाले हैं।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह आयोग के पदेन सदस्य होंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, सामाजिक न्याय एवं रोजगार मंत्री थावर चंद गहलौत और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।