कृषि को देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बताते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज यहां ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ और ‘एकीकृत पैकेज बीमा योजना लॉन्च की’। उन्होंने कहा कि इन संशोधित बीमा योजनाओं में कृषि क्षेत्र की समस्या को दूर करने की क्षमता है और एक अप्रैल से खरीफ फसलों को सुरक्षा देने के लिए इन्हें मिशन मोड पर लागू किया जाएगा।
जेटली ने कहा कि हालांकि पहले भी फसल बीमा योजनाएं थीं, लेकिन मुख्यत: फसल ऋणों तक सीमित होने के कारण वे आंशिक रूप से कही सफल थीं। उन्होंने कहा है कि यह फसल बीमा पहले से अलग तरह का है और यह अंतर भारतीय किसानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
किसानों के लिए जेटली ने लॉन्च की ये दो अहम योजनाएं कृषि को देश की अर्थव्यवस्था के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बताते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज यहां ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ और ‘एकीकृत पैकेज बीमा योजना लॉन्च की’।
इस बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों और तिलहनों के लिए किसानों के लिए देय प्रीमियम सम एश्योर्ड का दो फीसदी और रवी फसलों के लिए 1.5 फीसदी है। फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को अधिक भुगतान किया जाएगा।
शेष प्रीमियम राशि में से आधा केंद्र सरकार और आधा राज्य सरकार वहन करेगी।
जेटली के मुताबिक, सरकार योजना के दायरे में 50 फीसदी किसानों को लाना चाहती है। इनमें से अधिकतर ऐसे किसान होंगे, जो सिंचाई के लिए पूरी तरह बारिश पर ही निर्भर होते हैं। जेटली ने कहा कि देश को गरीबी से बाहर निकालने के लिए और विकास दर बढ़ाने के लिए कृषि विकास दर तेज करनी होगी।
उन्होंने कहा कि लगातार दो कमजोर मॉनसून के बाद 2016 का मॉनसून पूरी प्रणाली के लिए एक परीक्षा साबित होगा। जेटली ने कहा कि ऐसी स्थिति में नई फसल बीमा योजना को सफलतापूर्वक लागू करने बहुत जरूरी होगा और पूरी बैंकिंग, बीमा और वित्तीय व्यवस्था को इसकी सफलता सुनिश्चित करने में योगदान करने के लिए कहा जाएगा।