प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि सिर्फ भारत एकमात्र ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था है जो वैश्विक आर्थिक संकट से प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसा मुख्य रूप से सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों की वजह से है। मोदी ने यहां समाज सुधारक दयानंद सरस्वती की 140वीं जयंती पर आयोजित समारोह में कहा, ‘‘विश्वबैंक, आईएमएफ(अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष), हर कोई यह कह रहा है…। दुनिया आर्थिक संकट से गुजर रही है, सिर्फ भारत ही है जो इसमें भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। यह एक अनूठी स्थिति है जबकि पूरी दुनिया फिसल रही है और भारत आगे बढ़ रहा है।’’

मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया भर में लोग कह रहे हैं कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।’’ प्रधानमंत्री ने सरकार के सामाजिक आर्थिक कार्यक्रमों मसलन ‘मुद्रा’ तथा कौशल विकास का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक चीज हमें हमारी समस्याओं, गरीबी, शिक्षा की कमी से मुक्ति दिला सकती है। वह है विकास।’’

उन्होंने कहा कि करीब दो करोड़ लोग मुद्रा योजना से लाभान्वित हुए हैं और उन्हें एक लाख करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं। लोगों को वित्तीय मदद दी गई है और हमें उनमें भरोसा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि देश की 60 प्रतिशत आबादी की आयु 35 साल से कम है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है।

मोदी ने कहा, ‘‘सरकार का ध्यान इस बात पर है कि कैसे युवाओं की ताकत का इस्तेमाल देश के विकास में किया जा सके। इसलिए हमने न केवल कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है, बल्कि अपने बजट से एक नया मंत्रालय बनाया है और अधिकारियों को इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का काम सौंपा है।’’

उन्होंने कहा कि 2030 में जब कई देशों की आबादी बुजुर्ग हो जाएगी और जब उन्हें श्रमबल की जरूरत होगी, भारत इन देशों को कुशल और तकनीकी रूप से दक्ष श्रमबल उपलब्ध करा सकेगा। मोदी ने कहा कि प्रमाणपत्र के अलावा हमारे युवाओं में हुनर भी होना चाहिए।

मोदी ने कहा कि कई लोग कह चुके हैं कि 21सदी भारत की सदी होगी। उन्होंने कहा कि यह सदी ज्ञान का दौर होगा। भारत ने हमेशा ज्ञान में दुनिया की अगुवाई की है। उन्होंने युवाओं से यह प्रतिबद्धता लेने का आह्वान किया कि वे दुनिया के मंच पर अपने कौशल और ज्ञान से भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाएंगे।

मोदी ने कहा, ‘‘सार्वजनिक और निजी क्षेत्र है। हम एक अन्य क्षेत्र व्यक्तिगत क्षेत्र पेश करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि लोग आत्मनिर्भर और स्वरोजगार वाले बनें। वे नौकरी नहीं मांगें बल्कि नौकरियों का सृजन करें।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने युवाओं और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाएं पेश की हैं। जनधन योजना का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत खोले एग खातों में 30,000 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘जब हमने जनधन योजना शुरू की और लोगों से कहा कि वे शून्य बैलेंस का खाता खोल सकते है। मेरी यह इच्छा थी कि गरीब से गरीब व्यक्ति का बैंक खाता हो। 60 प्रतिशत लोगों का बैंक खाता नहीं था। हमने शून्य बैलेंस वाला खाता पेश किया, लेकिन लोगों ने स्वेच्छा से इन खातों में 5 से 10 रुपए जमा किए। आज जनधन योजना के खातों में 30,000 करोड़ रुपए जमा हैं। यह हमारे गरीब लोगों की अमीरी को दर्शाता है।’’

दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 में आर्य समाज की शुरुआत के बारे में मोदी ने कहा कि देश की पहली आजादी की लड़ाई में इसकी बुनियाद रखी गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘1857 में आजादी की पहली लड़ाई हुई। सदियों की गुलामी के बाद एक नया उत्साह था। यह सिर्फ 2,000 – 5,000 स्वतंत्रता सेनानियों तक सीमित नहीं था। बल्कि पूरा देश खड़ा हुआ था।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि वांछित नतीजे हासिल नहीं हुए। यदि आप पृष्ठभूमि देखें तो आप जानेंगे कि उस समय आर्य समाज क्यों स्थापित किया गया था।’’

स्वच्छ गंगा पहले के बारे में मोदी ने कहा कि पूर्व में कई सरकारों ने गंगा नदी को साफ करने का प्रयास किया, पर वे सफल नहीं हुईं। यदि लोग तय कर लें, तो यह मिशन आसानी से हासिल हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि गंगा की सफाई करते कई सरकारें आयी और गयीं पर यह काम पूरा नहीं हो सका, यदि हम गंगा को मैली न करने का निश्चय कर लें तो दुनिया में इसे कोई ताकत इसे गंदा नहीं कर सकती।