भाजपानीत राजग सरकार को विश्वास है कि विपक्ष के तमाम विरोध के बावजूद वह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल को संसद के मॉनसून सत्र में राज्यसभ से पास कराने में कामयाब हो जाएगी।
हालांकि राज्यसभा में संख्याबल कम होने की वजह सता पक्ष के लिए इसे पास कराना इतना आसान भी नहीं होगा। वहीं दूसरी कांग्रेस, एआईएडीएमके और वामदल पहले ही जीएसटी पर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं। 245 सदस्यों वाले ऊपरी सदन में जीएसटी को पास कराने के लिए कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत होना जरूरी है।
राज्यसभा में संख्या के तौर पर देखा जाए तो कांग्रेस के पास 68 सदस्य है, जबकि संप्रग की बात करें तो यह संख्या 70 पर पहुंच जाती है। वहीं दूसरी एआईएडीएमके पास 11 और वामदलों के सदस्यों की संख्या 10 है। इस तरह से देखा जाए तो कुल 91 सदस्य ऐसे हैं जो राज्यसभा में जीएसटी बिल के खिलाफ वोट देंगे।