रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन ने शुक्रवार (1 जुलाई) को मुंबई-अहमदाबाद द्रुत गति की रेल परियोजना को ‘बेकार’ तथा ‘धन की बर्बादी’ करार देते हुए कहा कि यदि हमें 7 से 9 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी है तो देश को अपने परिवहन क्षेत्र में सही तरीके से निवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ‘मेक इन इंडिया’ पहल तब तक प्रभावी साबित नहीं होगी जब तक परिवहन क्षेत्र में निवेश नहीं किया जाएगा। देश को सस्ती तथा पहुंच वाले परिवहन की जरूरत है।

मोहन ने यहां ब्रोकिंग्स इंडिया के एक कार्यक्रम में कहा, ‘मुंबई-अहमदाबाद द्रुत गति का रेल गलियारा परियोजना बेकार तथा धन की बर्बादी है। उन्होंने कहा कि 508 किलोमीटर की इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब एक लाख करोड़ रुपए है जो दो प्रतिबद्ध माल गलियारों की सामूहिक 81,000 करोड़ रुपए की लागत से भी अधिक है।

मोहन ने कहा, ‘पूर्वी समर्पित माल गलियारा तथा पश्चिमी समर्पित माल गलियारे से पूरे देश को लाभ होगा सिर्फ अहमदाबाद से मुंबई जाने वाले यात्रियों को ही नहीं।’