Reliance Jio News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रिलायंस जियो इन्फोकॉम को टाटा कम्युनिकेशन को 70 करोड़ रुपए के भुगतान करने का आदेश दिया। जियो इन्फोकॉम को ये भुगतान टाटा कम्युनिकेशन की केबल लैंडिंग स्टेशन सुविधा को उपयोग करने के लिए करना होगा और इसके लिए कंपनी को दो हफ्तों का समय दिया गया है।
अपने आदेश में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि रिलायंस जियो को दो हफ्तों के अंदर टाटा कम्युनिकेशन को ये भुगतान करना होगा। इसके साथ ही टाटा कम्युनिकेशन को एक पत्र जमा करने के लिए कहा गया है कि वह केबल लैंडिंग स्टेशन से मिलने वाली सुविधा को बाधित नहीं करेंगे।
जानकारी के मुताबिक, टाटा कम्युनिकेशन ने रिलायंस जियो से 1 जनवरी, 2013 से लेकर 27 नवंबर, 2018 तक केबल लैंडिंग स्टेशन पर सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एएफसी (Access Facilitation Charge) और सीएलसी (Co- Location Charge) के रूप में 147 करोड़ रुपए की मांग की थी। वहीं, रिलायंस जियो ने भी टाटा कम्युनिकेशन से इस दौरान भुगतान की गई अतिरिक्त राशि के वापस करने और उस पर ब्याज सहित 103.57 करोड़ रुपए मांगे थे।
रिलायंस जियो का पक्ष वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने कहा कि दूसरे पक्ष को उनके आवेदन का जवाब दाखिल करने की जरूरत है। उस पर मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की, “आप पैसे नहीं देना चाहते हैं, आप हमसे पैसे लेते हैं लेकिन आप भुगतान नहीं करना चाहते हैं।
टाटा कम्युनिकेशन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि यह मामला आर्थिक तंगी का नहीं है। उन्होंने (रिलायंस जियो) ने 5जी स्पेक्ट्रम के लिए सिर्फ 50,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई है।
इससे पहले अदालत को रिलायंस जियो ने बताया था कि अगर टाटा ने बकाया भुगतान न करने पर टेल्को को अपने उपयोगकर्ता लाइसेंस को निलंबित कर दिया तो कई उपयोगकर्ताओं की सेवाएं बाधित हो जाएगी। दातार ने तर्क दिया कि भारती एयरटेल को आक्रामक रुख अपनाने के बाद रिलायंस जियो द्वारा बकाया का भुगतान किया गया था। उन्होंने कहा कि टाटा ने ऐसा नहीं किया क्योंकि उन्होंने COVID-19 लॉकडाउन के कारण अधिक समय देने का फैसला किया।