मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज को एक और सफलता मिली है। दरअसल, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एन्युअल वेल्थ क्रिएशन स्टडी में बताया गया है कि साल 2015 से 2020 के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 4.4 लाख करोड़ रुपये की वेल्थ जोड़ी है।

ये वही वक्त था जब रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ऑयल से लेकर रिटेल सहित कई अन्य क्षेत्रों में अपने कारोबारी साम्राज्य का विस्तार किया। वहीं, रिलायंस जियो के जरिए टेलीकॉम सेक्टर की लीडिंग कंपनी बन गई है। इन पांच सालों में मुकेश अंबानी अपना कारोबारी साम्राज्य बढ़ाने में जुटे थे, तो वहीं छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनियां बिकने के लिए कतार में लगी थीं।

वर्तमान में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की 6 कंपनियों के​ लिए नीलामी प्रक्रिया चल रही है। यही नहीं, अनिल अंबानी ने इसी साल लंदन की एक अदालत को बताया था कि उनका नेटवर्थ जीरो है। यानी उनके पास जितने मूल्य की संपत्ति है, उतनी ही उनपर देनदारी भी है। कर्ज के बोझ में डूबे अनिल अंबानी अरबपतियों की सूची से भी बाहर हो चुके हैं।

बता दें कि साल 2008 तक दोनों भाई संपत्ति के मामले में लगभग बराबरी पर थे। हालांकि, 2009 की वैश्विक मंदी ने अनिल अंबानी को बड़ा नुकसान पहुंचाया। अनिल अंबानी जिस कारोबार में हाथ लगा रहे थे, उन्हें नुकसान हुआ। वहीं, मुकेश अंबानी का कारोबारी साम्राज्य बढ़ता ही जा रहा था।

अगर मुकेश अंबानी के नेटवर्थ की बात करें तो 74 बिलियन डॉलर के करीब है। वहीं, दुनियाभर के अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 11वें पायदान पर हैं। बीते दिनों मुकेश अंबानी अरबपतियों की रैंकिंग के टॉप 5 में भी शामिल हुए थे।