नए साल की शुरुआत हो चुकी है। इस नए साल में देश के सबसे बड़े कारोबारी मुकेश अंबानी के सामने कई चुनौतियां हैं। आइए जानते हैं इस पूरे साल मुकेश अंबानी को किन चुनौतियों का सामना करना होगा।
मुकेश अंबानी की चुनौतियांः इस साल मुकेश अंबानी को फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण की प्रक्रिया के अड़ंगे से निपटना होगा। ये अधिग्रहण 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। इसमें फ्यूचर ग्रुप अपना खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस इंडस्ट्री को सौंप देगी, लेकिन इस डील पर अमेजन ने अड़ंगा लगा रखा है। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज और दुनिया की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी सउदी अरामको के बीच डील पर भी इस साल मुहर लग सकती है।
दरअसल, मार्च 2020 तक डील पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन कोरोना की वजह से ये अब तक अधर में है। बता दें कि मुकेश अंबानी ने तेल- पेट्रो रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी सउदी अरामको को करने की घोषणा की थी। तेल से लेकर पेट्रो रसायन कारोबार में रिलायंस की गुजरात के जामनगर स्थित दो रिफाइनरियां और पेट्रो-रसायन परिसंपत्तियां शामिल होंगी।
यही नहीं, रिलायंस को अपने जियो प्लेटफॉर्म के कस्टमर बेस को भी बनाए रखने की चुनौती है। दरअसल, बीते कुछ महीनों से मासिक आधार पर प्रतिद्वंदी कंपनी एयरटेल के ग्राहकों की संख्या बढ़ी है। वहीं, जियो के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। हालांकि, रिलायंस जियो की ओर से फ्री कॉलिंग समेत कई कदम उठाकर इस हालात से निपटने के लिए कोशिश की जा रही है।
इस साल मुकेश अंबानी को दौलतमंद अरबपतियों की टॉप 10 सूची में शामिल होने के लिए भी मशक्त करनी पड़ेगी। आपको बता दें कि मुकेश अंबानी पिछले साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में दौलतमंद अरबपतियों की टॉप 10 रैंकिंग से बाहर हो गए थे।
इसके अलावा एशिया के सबसे दौलतमंद अरबपति का भी खिताब छिन गया था। वर्तमान में मुकेश अंबानी दुनिया के 12वें सबसे अमीर शख्स हैं।