Reliance Retail Vs Amazon: अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और जेफ बेजोस की कंपनी अमेजन के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।

दरअसल, रिलायंस रिटेल ने सरकार से कहा है कि कुछ कंपनियां देश के ई-कॉमर्स कारोबार नियमों को छकाने के लिए जटिल कानूनी ढांचे का इस्तेमाल कर रही हैं। रिलायंस रिटेल ने कहा कि भारतीय कानून भंडारण पर आधारित ई-कॉमर्स मॉडल में विदेशी पूंजी निवेश की इजाजत नहीं देते हैं। इससे बच कर काम करने के लिए कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां जटिल ढांचा अपना रही हैं। हालांकि, रिलायंस रिटेल ने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि ये आरोप अमेजन पर लगाया गया है।

अमेजन की सरकार से अपील: इस बीच, अमेजन ने भी सरकार से तब तक कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं करने का आग्रह किया है, जब तक कि उसके व्यवहारों की जांच पूरी न हो जाए। अमेजन के अधिकारियों ने कहा कि एफडीआई नीति में कोई भी स्पष्टीकरण बेरोजगारी, भारत की विदेशी निवेश नीति का उपहास और उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा। अमेजन की ओर से कहा गया कि उल्लंघन के किसी भी दावे या शिकायतों की जांच संबंधित एजेंसियों द्वारा की जा सकती है और इसलिये अभी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है।

अमेजन और रिलायंस में टकराव की वजह: दरअसल, अमेजन और रिलायंस के बीच टकराव की मुख्य वजह एक डील है। 24 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ये डील रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के बीच है। पहले से ​फ्यूचर ग्रुप की कंपनी में हिस्सेदार होने की वजह से इस डील पर अमेजन को आपत्ति है। अमेजन ने इसके खिलाफ सेबी और अलग-अलग अदालतों में याचिका भी दायर की है। फिलहाल, डील अब भी अटकी हुई है।

दौलत में कहां टिकते हैं दोनों कंपनियों के मालिक: अगर दौलत के हिसाब से देखें तो अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस दुनिया में सबसे आगे हैं। वहीं, मुकेश अंबानी दुनिया के 11वें सबसे दौलतमंद अरबपति बने हुए हैं। हालांकि, मुकेश अंबानी भारत समेत एशिया भर में सबसे अमीर अरबपति के तौर पर जाने जाते हैं। जेफ बेजोस की संपत्ति करीब 180 बिलियन डॉलर है तो वहीं मुकेश अंबानी की दौलत 77.3 बिलियन डॉलर के करीब है।