अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कॉम्युनिकेशंस पर बकाया 31,000 करोड़ रुपये के एजीआर को क्या रिलायंस जियो अदा करेगा? सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाया को लेकर सुनवाई के दौरान शुक्रवार को यह सवाल पूछा था। अब रिलायंस जियो के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुकेश अंबानी की ओर से इससे इनकार किया जा सकता है। रिलायंस जियो का तर्क है कि भले ही वह फिलहाल आरकॉम के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन उस पर बकाया एजीआर 2016 से पहले का है। सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर केस की सुनवाई करते हुए उस वक्त नया मोड़ दे दिया, जब बेंच ने कहा कि क्या दिवालिया हुई कंपनी आरकॉम पर बकाया रकम को जियो की ओर से अदा किया जाएगा। अब तक इस मामले में रिलायंस जियो का जिक्र नहीं हुआ था।

रिलायंस जियो का कहना है कि टेलिकॉम विभाग के मुताबिक आरकॉम पर जो एजीआर बकाया कैलकुलेट किया गया है, उसमें बड़ा हिस्सा 2जी, 3जी बिजनेस का है, जो 2016 से पहले का है। हालांकि शीर्ष अदालत में एक नोट में कहा गया कि यह कैलकुलेशन सामान्य तौर पर वित्त वर्ष 2017 तक के लिए की गई है। रिलायंस कॉम्युनिकेशंस पर 25,199.27 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है, जिसमें स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज और लाइसेंस फीस शामिल है। वहीं रिलायंस जियो ने अपने 195.18 करोड़ रुपये के मामूली बकाये को इस साल जनवरी में ही अदा कर दिया था।

रिलायंस जियो का कहना है कि आरकॉम के बकाये का स्पेक्ट्रम शेयरिंग से कोई तालमेल नहीं है, यह पूरी तरह से टेलिकॉम विभाग के नियमों के मुताबिक है। रिलायंस जियो की ओर से सुप्रीम कोर्ट को शुक्रवार को ही बता दिया गया कि वह सरकार को स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज पहले से ही अदा कर रही है।

इस बीच खबर है कि मुकेश अंबानी का रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड समूह अब दूध और फर्नीचर भी बेचने पर विचार कर रहा है। इसके लिए रिलायंस मिल्क बास्केट और ऑनलाइन फर्नीचर ब्रांड Urban Ladder का अधिग्रहण करने की तैयारी में है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ महीनों से रिलायंस की ओर से Urban Ladder का अधिग्रहण करने को लेकर बातचीत की जा रही है। इससे पहले मिल्क बास्केट की अमेजॉन और बिग बास्केट से बातचीत चल रही थी, लेकिन डील फेल हो गई थी। इसके बाद अब मिल्क बास्केट ने रिलायंस जियो का रुख किया है।