रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने क्लीन एनर्जी के अपने प्रोजेक्ट के लिए शॉपिंग शुरू कर दी है। इसके लिए कंपनी नॉर्वेजियन सोलर मॉड्यूल निर्माता आरईसी ग्रुप को चाइना नेशनल केमिकल कॉर्प (केमचाइना) से 1-1.2 बिलियन में खरीदने जा रही है। आपको बता दें कि ऑयल टू टेलीकॉम समूह ने क्लीन एनर्जी में 75 हजार करोड़ रुपए निवेश करने का ऐलान किया था। जिसके हिस्से के रूप में यह निवेश किया जा रहा है। आपको बता दें कि यह मुकेश अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिस पर उन्होंने 9 लोगों पर भरोसा दिखाया है।
कंपनी को खरीदने के लिए 500 से 600 मिलियन डॉलर की फाइनेंसिंग की बातचीत ग्लोबल बैंकों के साथ चल रही है। बाकी की रकम को इक्विटी के माध्यम से फाइनेंस किया जाएगा। इसके अलावा यह डील रिलायंस के सौर ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार करने की अपनी योजना को आगे बढ़ना के लिए हाई एज टेक्नोलॉजी और ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कैपिबिलिटीज तक पहुंचने के दरवाजे खोलेगा।
आरईसी ग्रुप की स्थापना 1996 में हुई थी। जो कि राज्य द्वारा संचालित रसायन प्रमुख केमचाइना का एक अंतरराष्ट्रीय “सदस्य” है और पिरेली टायर्स और सिनजेंटा में सबसे बड़ी शेयर होल्डिंग है। आरईसी ग्रुप सोलर फोटोवोल्टिक (पीवी) पैनल के लिए अग्रणी यूरोपीय ब्रांड की वार्षिक सौर पैनल उत्पादन क्षमता 1.8 गीगावाट (जीडब्ल्यू) है और इसने विश्व स्तर पर लगभग 10 जीडब्ल्यू क्षमता स्थापित की है।
ध्यान रखने वाली बात यह है कि भारत 2022 तक 100 गीगावॉट सोलर के साथ 175 गीगावॉट रिन्युएबल कैपेसिटी तैयार करने को पूरी तरह से है। मौजूदा समय में सोलर इक्विपमेंट मार्केट में बीजिंग स्थित कंपनियों जैसे ट्रिना सोलर लिमिटेड, ईटी सोलर, और जिंको का वर्चस्व है। भारत में सोलर सेल के लिए केवल 3गीगावॉट और सोलर मॉड्यूल के लिए 15गीगावॉट की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता है।
आपको बता दें कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन ने एजीएम में सौलर एनर्जी या यूं कहें कि ग्रीन एनर्जी पर 75 हजार करोड़ रुपए के निवेश का ऐलान किया था। इसके लिए कंपनी की ओर से इसमें काम कर रही कंपनियों का अधिग्रहण करने की भी योजना है। इस प्रोजेक्ट के आते ही अब मुकेश अंबानी और गौतम अडानी का सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। जिसका फायदा आम लोगों को मिलने का कयास है।