एशिया के सबसे व्यक्ति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में एक लिथियम आईऑन बैट्री (Lithium ion battery) बनाने वाली कंपनी लिथियम वर्क्स (Lithium Weeks) का अधिग्रहण किया है। रिलायंस ने ये डील 61 मिलियन डॉलर में की है। लिथियम वर्क्स इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाली लिथियम आईऑन फास्फेट बैट्री का निर्माण करता है।

रिलायंस ने बयान जारी कर कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपनी इकाई रिलायंस न्यू एनर्जी के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम आईऑन बैट्री बनाने वाली लिथियम वर्क में निवेश किया है। लिथियम वर्क के नाम 219 पेटेंट्स है और कंपनी के पास चीन में एक उत्पादन इकाई भी है। रिलायंस ने इस सौदे में कंपनी के सभी वर्तमान बिजनेस अनुबंध शामिल है।

बीते तीन महीने में दूसरी बार किया निवेश: इससे पहले दिसंबर में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 130 मिलियन डॉलर में ब्रिटेन की सोडियम आईऑन बैटरी बनाने वाली कंपनी फैराडियन को खरीदा था। एक के बाद एक दो इलेक्ट्रिक बैट्री बनाने वाली कंपनियों को खरीद कर रिलायंस ने साफ कर दिया है कि भविष्य में कंपनी भारत में बड़े स्तर पर बैट्री बनाने की क्षमता विकसित करना चाहती है।

10 बिलियन डॉलर निवेश करेगी रिलायंस : तेल से टेलीकॉम तक का व्यापार करने वाली रिलायंस ने ग्रीन एनर्जी में 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया था। कंपनी का लक्ष्य 2035 तक कार्बन उत्सर्जन को जीरो करना है। इससे पहले अपना पेट्रोलियम के कारोबार को सऊदी अरामको को बेचने को लेकर बातचीत भी कर रही थी।

बैट्री बनाने पर सरकार से मिलेगी सहायता: भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग को देखते हुए देश में बड़े स्तर पर बैट्री बनाने वाली को प्रोत्साहन दे रही है। सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैट्री बनाने वाली कंपनियों को प्रोडक्ट लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के तहत 6 बिलियन डॉलर की सहायता दे रही है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज बाजार पूंजीकरण के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण 15,95,145 करोड़ रुपए है। वित्त वर्ष 2020 -21 में कंसोलिडेटेड आय 5,39,238 करोड़ रुपए थी जबकि इस दौरान कंपनी को 53,739 करोड़ रुपए की आय हुई थी।