इस साल यानी 2021 में अंबानी बंधुओं के सामने कई नई चुनौतियां हैं। मुकेश अंबानी पर कई डील को पूरा करने का दबाव है तो वहीं, अनिल अंबानी को कर्ज के जाल से बाहर निकलना है। अनिल अंबानी की मुश्किलें भाई मुकेश अंबानी से ज्यादा बड़ी दिख रही हैं।

अनिल अंबानी की चुनौतियांः अनिल अंबानी पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी कर्ज के बोझ को कम करने की है। इसके लिए अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कई कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया चल रही है। ऐसा अनुमान है कि साल भर में अनिल अंबानी का करीब 20 हजार करोड़ रुपये कर्ज कम हो सकता है। हाल ही में समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्रा ने डीए टोल रोड में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी क्यूब हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेच दी है।

इस वजह से रिलायंस इंफ्रा ने अपनी कुल देनदारियों को 20 फीसदी घटा दिया है। कंपनी के मुताबिक कर्ज 17,500 करोड़ रुपये से 14,000 करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि, रिलायंस समूह की कंपनियों पर बैंक फ्रॉड के मामले की वजह से अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस वजह से रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की दिवालिया प्रक्रिया पर पेंच फंस सकता है।

कर्ज पर गतिरोधः हाल ही में अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप और बैंकों के बीच बकाया लोन को लेकर गतिरोध का मामला सामने आया है। ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के मुताबिक करीब 26,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। वहीं, भारतीय बैंकों, वेंडरों और अन्य ऋणदाताओं ने करीब 86,000 करोड़ रुपये के बकाया का दावा किया है।

मुकेश अंबानी की चुनौतियांः इस साल मुकेश अंबानी को फ्यूचर रिटेल के अधिग्रहण की प्रक्रिया के अड़ंगे से निपटना होगा। 24 हजार करोड़ रुपये के इस डील पर अमेजन ने अड़ंगा लगा रखा है। रिलायंस को अपने जियो प्लेटफॉर्म के कस्टमर बेस को भी बनाए रखने की चुनौती है। वहीं, मुकेश अंबानी को दौलतमंद अरबपतियों की टॉप 10 सूची में शामिल होने के लिए भी मशक्त करनी पड़ेगी।