आने वाले दिनों में अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) बिकने वाली है। दरअसल, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड पर करीब 20,000 करोड़ रुपये का बकाया है। इसी आर्थिक संकट की वजह से रिलायंस समूह अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। अहम बात ये है कि अनिल अंबानी की वो कंपनियां भी कर्ज में डूबी हुई हैं जिसके लिए उन्होंने भाई मुकेश अंबानी से बंटवारे की जिद की थी। इसके उलट मुकेश अंबानी के कारोबार को पंख लग गए हैं। मुकेश अंबानी और उनके परिवार का कारोबार लगातार बढ़ रहा है।
पिता के निधन के बाद छिड़ा विवाद: साल 2002 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के फाउंडर धीरूभाई अंबानी का 70 साल की उम्र में निधन हो गया था। इसके बाद पिता के साम्राज्य को लेकर मुकेश और अनिल अंबानी के बीच जंग छिड़ गई। दोनों भाइयों के बीच की दीवार बड़ी होती जा रही थी। बिगड़ते हालात से कारोबार जगत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के भविष्य को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे।
इन हालातों में मां कोकिलाबेन ने मोर्चा संभाला और दखल के बाद बंटवारा हुआ। इस बंटवारे में मुकेश अंबानी को ऑयल रिफाइनरीज और पेट्रोकेमिकल का कारोबार मिला तो वहीं, अनिल अंबानी ने टेलीकॉम, फाइनेंस और एनर्जी यूनिट्स को अपने कब्जे में रखा।
मनमुताबिक कारोबार मिलने के बाद भी अनिल अंबानी की मुश्किलें कम नहीं हुईं। उन्हें पहले 2008 की वैश्विक मंदी ने झटका दिया तो रियल एस्टेट सेक्टर में भी नुकसान हुआ। अनिल अंबानी को हर उस कारोबार में निराशा मिली, जिससे उन्हें बड़ी उम्मीद थी।
वर्तमान में अनिल अंबानी कर्ज के बोझ में दबे हैं तो वहीं, मुकेश अंबानी दुनिया के टॉप 10 अमीरों की सूची में शामिल हैं। अनिल अंबानी की कंपनियां बिक्री के कगार पर आ गई हैं तो वहीं मुकेश अंबानी का कारोबार बढ़ रहा है। हाल ही में मुकेश अंबानी के रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के कारोबार को जबरदस्त वैश्विक निवेश मिला है। यही वजह है कि आज मुकेश अंबानी की संपत्ति 75 बिलियन डॉलर के करीब है।