अमेरिकी दिग्गज फाइनेंशियल फर्म मूडीज ने महंगाई पर चिंता जाहिर करते हुए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है। अमेरिकी फर्म ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस में देश में बढ़ती महंगाई पर चिंता जताई, जिसके कारण भारत की अर्थव्यवस्था में रिकवरी धीमी पड़ सकती है। इस रिपोर्ट में साल 2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.1 फ़ीसदी से घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया गया है।
मूडीज की ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट ने कहा गया कि हाई फ्रीक्वेंसी डाटा से यह संकेत मिल रहे हैं कि पिछले साल दिसंबर 2021 में दिखी ग्रोथ इस साल पहले चार महीने में भी जारी है। लेकिन कच्चे तेल, खाने और फर्टिलाइजर की कीमत में बढ़ोतरी लोगों की आय और खर्चों पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। वहीं, महंगाई और पावर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए रिजर्व बैंक की ओर से बढ़ाई गई ब्याज दरों के कारण डिमांड रिकवरी धीमी पड़ सकती है।
मूडीज ने कहा कि “2022 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.1 फीसदी से घटाकर 8.8 फीसदी कर दिया है जबकि साल 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5.4 फीसदी पर बरकरार रखा है।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि मजबूत क्रेडिट ग्रोथ और कॉर्पोरेट सेक्टर की ओर से निवेश, और सरकार की ओर से पूंजीगत योजनाओं पर खर्च की बढ़ोतरी से भारत में इन्वेस्टमेंट साइकिल मजबूत रहेगी। वहीं, अगर आगे कच्चे तेल की कीमत और खाद्य सामग्रियों की कीमत नहीं बढ़ती हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि उसमें ग्रोथ जारी रहेगी।
महंगाई का अनुमान बढ़ाया: मूडीज ने महंगाई बढ़ने का अनुमान जताया है। मूडीज के अनुसार इस साल महंगाई औसत 6.8 फीसदी पर बनी रह सकती है जबकि इससे पहले 5.4 फीसदी की महंगाई का अनुमान लगाया था।
मूडीज से पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भारत की ग्रोथ का अनुमान घटा चुकी है। इस महीने की शुरुआत में एस&पी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है। वहीं, वर्ल्ड बैंक ने अप्रैल में इंडिया की जीडीपी 8.7 ग्रोथ का अनुमान घटाकर 8 फीसदी कर दिया है। आईएमएफ ने भी ग्रोथ का अनुमान 9 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है।