राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सोमवार को बम्बई स्टाक एक्सचेंज में भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आर्थिक नीतियों के विषय पर व्याख्यान देंगे ।
कार्यक्रम से संबंधित बम्बई स्टाक एक्सचेंज की एक अधिकारी ने बताया कि भागवत ‘‘ हिस्ट्री आॅफ इंडियन इकोनॉमी ’’ नामक पुस्तक का लोकार्पण करेंगे जो जाने-माने शिक्षाविदों के लेखों का संकलन है । यह कार्यक्रम 16 अप्रैल को आयोजित किया जा रहा है और इसका आयोजन गोखले इंस्टीट्यूट आॅफ इकोनॉमिक रिसर्च और बम्बई स्टाक एक्सचेंज कर रहे हैं।

इस समारोह में सरसंघचालक मोहन भागवत ‘‘ भारतीय अर्थव्यवस्था और आर्थिक नीतियां : दीर्घकालिक परिदृश्य ’’ विषय पर विशेष व्याख्यान देंगे । समारोह में मुख्य अतिथि नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार होंगे । अर्थव्यवस्था को लेकर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की नीतियों की कांग्रेस समेत विपक्षी दल हाल के दिनों में काफी आलोचना करते आए हैं। इसके अलावा संघ से जुड़ी भारतीय मजदूर संघ ने भी केंद्र सरकार की श्रमिकों संबंधी कुछ नीतियों की आलोचना की है। ऐसे में अर्थव्यवस्था एवं आर्थिक नीतियों के बारे में मोहन भागवत के व्याख्यान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी समारोह में मौजूद रहेंगे ।

भागवत का व्याख्यान इसलिये भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने नागपुर में आरएसएस मुख्यालय में पिछले वर्ष सालाना विजयादशमी समारोह में अपने संबोधन में कहा था कि अर्थव्यवस्था में सुधार और उसे स्वच्छ बनाने के उपायों में थोड़ी बहुत उथलपुथल एवं अस्थिरता हो सकती है, लेकिन अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर उसका असर कम होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हमारे नीति आयोग एवं राज्यों के नीति सलाहकारों को घिसेपिटे आर्थिक विचारों से बाहर आकर सोचना पड़ेगा और विश्व के अद्यतन अनुभवों एवं यहां की ठोस वास्तविकताओं के बीच तालतेल बनाना होगा ।

किसानों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा था कि हमारा किसान स्वभाव से न केवल अपने परिवार का, अपितु सभी का भरणपोषण करने वाला है । वह आज दुखी है । वह बाढ़, अकाल, आयात निर्यात नीति, फसल के कम दाम और फसल बर्बाद होने पर सब तरह से नुकसान की मार झेलकर निराश होने लगा है ।