भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India- IRDAI) ने बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम दरों को स्टैंडर्डडाइस करने के लिए कई उपाय शुरू करने का निर्देश दिया है। सरकार को लगता है कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) योजना मॉडल का पालन करके किया जा सकता है। इससे निजी अस्पतालों की मनमानी भी रुकेगी।

IRDAI ने जारी किया सर्कुलर

30 जनवरी को जारी एक सर्कुलर में इंश्योरेंस रेगुलेटर ने कहा कि भारतीय बीमा बाजार में पेश किए गए बीमा उत्पादों की चल रही निगरानी के हिस्से के रूप में यह देखा गया है कि कुछ स्वास्थ्य बीमा के तहत प्रीमियम दरों में भारी वृद्धि हुई है। इनमे वरिष्ठ नागरिकों को पेश किए जाने वाले प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं। स्वास्थ्य बीमा प्रोडक्ट्स के मामले में ऐसा कोई स्टैंडर्डडाइस नहीं है। सर्कुलर में कहा गया है कि इससे अस्पताल में भर्ती होने की लागत बढ़ रही है, जिसके कारण बीमाकर्ताओं द्वारा पेश किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रोडक्ट्स के तहत दावों में भी बढ़ोतरी हो रही है।

बिमापे फिनश्योर के सीईओ और सह-संस्थापक हनुत मेहता ने कहा कि आईआरडीएआई बीमाकर्ताओं को स्टैंडर्डडाइस अस्पताल पैनल को अपनाने और पैकेज दरों पर बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करना एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि पीएमजेएवाई के समान मॉडल का पालन करके, उद्योग अस्पताल में भर्ती होने की लागत में विसंगतियों को कम कर सकता है, जिससे बीमाकर्ताओं के लिए बेहतर वित्तीय प्रबंधन हो सकता है।

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जानें क्या हैं निर्देश

हनुत मेहता ने कहा कि आईआरडीएआई निर्देश बीमाकर्ताओं को वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्यान्वित की जा रही पहलों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर देता है। IRDAI ने वरिष्ठ नागरिकों को क्षतिपूर्ति आधारित व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा प्रोडक्ट्स की पेशकश करने वाले सभी सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रीमियम को प्रति वर्ष 10% से अधिक संशोधित न करें।

हनुत मेहता ने कहा, “प्रीमियम वृद्धि को प्रति वर्ष अधिकतम 10% तक सीमित करके, विनियमन मूल्य निर्धारण की प्रेडिक्टाबिलिटी का परिचय देता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वरिष्ठ नागरिकों पर भारी लागत का बोझ न पड़े। इस उपाय से इंश्योरेंस कंपनियों को अपने ग्राहकों को बनाए रखने में मदद मिलेगी और प्रीमियम के कारण होने वाली पॉलिसी चूक को रोका जा सकेगा।”