निजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) दो गैस कंपनियों पेट्रोनेट एलएनजी और इंद्रप्रस्थ गैस (आईजीएल) में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच सकती है।

इसके जरिए बीपीसीएल इन दोनों कंपनियों में प्रमोटर का दर्जा छोड़ देगी। ऐसा करने से बीपीसीएल के नए मालिक को इन दोनों गैस कंपनियों के लिए खुली पेशकश लाने की जरूरत नहीं रहेगी। बीपीसीएल के पास भारत के सबसे बड़े लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) आयातक पेट्रोनेट में 12.5 प्रतिशत और गैस विपणन कंपनी आईजीएल में 22.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

बीपीसीएल दोनों सूचीबद्ध कंपनियों की प्रवर्तक है और बोर्ड में शामिल है। बिक्री की ये प्रक्रिया निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) की ओर से की जा रही है।

BPCL नहीं बेचना चाहती हिस्सेदारी: हालांकि, बीपीसीएल हिस्सेदारी बेचने के पक्ष में नहीं है और उसका कहना है कि प्रमोटर का दर्जा और निदेशक पद छोड़ने से कंपनी के मूल्य में काफी कमी आएगी। दूसरी ओर सरकार में सोच यह है कि पेट्रोनेट और आईजीएल के लिए खुली पेशकश की शर्त, उन बोलीदाताओं को रोक सकती है जो सिर्फ बीपीसीएल के तेल शोधन और डिस्ट्रीब्यूटरशिप कारोबार पर नजर गड़ाए हैं।

BPCL में सरकार बेच रही हिस्सेदारी: आपको बता दें कि इस वित्त वर्ष में निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) की अगुवाई में बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बिकने वाली है। बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी खरीदने को इच्छुक बोलीदाताओं को संवेदनशील जानकारी भी दी जाएगी।

हालांकि, इसके लिये कंपनियों को गोपनीयता के अतिरिक्त समझौते पर हस्ताक्षर करने होंगे। सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में विनिवेश के जरिये 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लिहाज से बीपीसीएल में हिस्सेदारी बिक्री महत्वपूर्ण है।

इनकी भी होगी बिक्री: इस वित्त वर्ष में सरकार को बीपीसीएल के अलावा जिन कंपनियों की बिक्री करनी है, उनमें आईडीबीआई बैंक और शिपिंग कॉरपोरेशन के अलावा एयर इंडिया भी शामिल हैं। (ये पढ़ें- 7th Pay Commission: दिव्यांग कर्मचारियों के लिए है ये नियम)

हाल ही में सरकार ने आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बिक्री को मंजूरी दी है। इसके अलावा लाइफ इंश्योरेंस यानी एलआईसी का भी आईपीओ आने वाला है। आईपीओ के जरिए एलआईसी की शेयर बाजार में लिस्टिंग हो सकेगी।