सरकार ने मंगलवार को स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक समेत 13 सरकारी बैंकों को 22,915 करोड़ की पूंजी उपलब्ध कराई है। इन बैंकों के कर्ज परिचालन को बेहतर बनाने और उन्हें बाजार से अधिक पूंजी जुटाने के लिए सक्षम बनाने के वास्ते यह पूंजी डाली गई। वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में पूंजी प्रवाह का यह पहला चरण है और सरकारी बैंकों के प्रदर्शन के आधार पर भविष्य में और कोष मुहैया कराया जाएगा। बयान में कहा गया- कुल राशि में से 75 फीसद बैंकों को कर्ज परिचालन के लिए नकदी समर्थन मुहैया कराने और बैंकों को बाजार से धन जुटाने योग्य बनाने के लिए यह राशि जारी की जा रही है। शेष राशि बाद में जारी की जाएगी जो बेहतर दक्षता, कर्ज व जमा में वृद्धि और परिचालन लागत में कटौती के मद्देनजर जारी की जाएगी।
गौरतलब है कि 22,915 करोड़ में से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ)को 7,575 करोड़ रुपए, इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक को(3,101 करोड़ रुपए) और पंजाब नैशनल बैंक को (2,816 करोड़ रुपए)की पूंजी आबंटित की गई। इनके अलावा बैंक आॅफ इंडिया (1,784 करोड़ रुपए), सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया (1,729 करोड़ रुपए), सिंडिकेट बैंक (1,034 करोड़ रुपए), यूको बैंक(1,033 करोड़ रुपए), केनरा बैंक(997 करोड़ रुपए), यूनाइटेड बैंक आॅफ इंडिया(810 करोड़ रुपए), यूनियन बैंक आॅफ इंडिया(721 करोड़ रुपए), कार्पाेरेशन बैंक(677 करोड़ रुपए), देना बैंक(594 करोड़ रुपए) और इलाहाबाद बैंक(44 करोड़ रुपए)पूंजी उपलब्ध कराई गई।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने की प्रक्रिया उनके पिछले पांच साल की कर्ज वृद्धि की संयोजित सालाना वृद्धि दर, कर्ज वृद्धि के उनके अपने अनुमान और हर सरकारी बैंक की वृद्धि की संभावना के वस्तुनिष्ठ आकलन पर आधारित है। पूंजी आबंटन योजना की घोषणा के बाद सरकारी बैंकों के शेयरों में तेजी आई है। स्टेट बैंक का शेयर 0.92 फीसद चढ़कर 230.70 रुपए, पंजाब नैशनल बैंक का शेयर 1.24 फीसद की तेजी के साथ 134.15 रुपए पर पहुंच गया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट में सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 25,000 करोड़ रुपए के आबंटन का प्रस्ताव किया था। उन्होंने कहा था- अगर इन बैंकों को अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होती है तो हम ऐसा करने के लिए संसाधन की तलाश करेंगे। हम इन बैंकों के पीछे मजबूती से खड़े हैं। सरकार द्वारा पिछले साल घोषित इंद्रधनुष कार्ययोजना के तहत अगले चार साल में सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ रुपए डाले जाएंगे जबकि उन्हें बासेल-3 के वैश्विक जोखिम मानदंड के मद्देनजर और 1.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने होंगे। खाके के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वित्त वर्ष 2015-16 और 2016-17 में 25,000-25,000 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा 2017-18 और 2018-19 में 10,000-10,000 करोड़ रुपए की पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।