निवेशकों को आकर्षित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है। बनर्जी का बयान मालदा में सांप्रदायिक हिंसा होने के कुछ ही दिन बाद आया है। राज्य में विधानसभा चुनाव के नजदीक आने को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने उद्योग जगत के नेताओं को आश्वस्त किया कि उनकी पार्टी राज्य में औद्योगीकरण के रास्ते में नहीं आएगी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आएगी। तीसरे बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि हमने पहले ही उद्योगों के लिए एक कोर ग्रुप स्थापित किया है। हमारे चुनाव आ रहे हैं लेकिन चिंतित न हों, सब समाधान कर लिया जाएगा। लोकतंत्र जारी रहेगा। यह निर्वाचित सरकार (तृणमूल सरकार) फिर से आएगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण वातावरण है। राज्य में उद्योग स्थापित करने के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त पहलू है। सिर्फ राजनीतिक आलोचक बंगाल को हिंसक राज्य के तौर पर पेश करने का प्रयास करते हैं। बंगाल शांतिपूर्ण राज्य है। यहां हम सब साथ मिलकर काम करते हैं। ऐसी कोई सांप्रदायिक घटना या तनाव नहीं है। कोई इसकी राजनीतिक तरीके से आलोचना कर रहा है। हम इसकी (सांप्रदायिक समस्याओं) अनुमति नहीं देते, क्योंकि हम जानते हैं कि शांति होगी तो सब कुछ का हल निकाल लिया जाएगा।
उन्होंने माओवादियों के गढ़ जंगलमहल में भी शांतिपूर्ण वातावरण का उल्लेख किया। उनका बयान मालदा के कालियाचक में सांप्रदायिक हिंसा होने की पृष्ठभूमि में आया है। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में भूमि की उपलब्धता की समस्या नहीं है क्योंकि राज्य सरकार की एक भूमि नीति है और एक भूमि बैंक है। बनर्जी ने कहा- कुछ लोग कह रहे हैं कि कोई निवेश नहीं हो रहा है। यह सही नहीं है। 94 हजार करोड़ रुपए मूल्य की परियोजनाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। कुछ परियोजनाओं के लिए हमने हस्ताक्षर किया है, वे पहले ही चालू हो चुकी हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि निवेशक उत्सुकतापूर्वक एक ऐसे वातावरण की ओर देख रहे हैं, जहां उनका निवेश नतीजा दे। उन्होंने कहा- अगर आप उसे आकर्षित करने की स्थिति में नहीं हैं तो निवेश चला जाएगा। माकपा, कांग्रेस और भाजपा जैसी विपक्षी पार्टियों ने गुरुवार को घटना को नाटक बताया और कहा कि यह बंगाल में औद्योगीकरण को खत्म करने की प्रक्रिया को पूरा करेगा।