लॉकडाउन की अवधि के दौरान ज्यादा बिजली बिल से परेशान उपभोक्ताओं को महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। उद्धव ठाकरे सरकार ने सूबे के 1 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के अतिरिक्त बिल को भरने का फैसला लिया है। राज्य सरकार का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान आए ज्यादा बिल की सरकार भरपाई करेगी और ऐसी शिकायतों का निपटारा किया जाएगा। इससे पहले जुलाई में राज्य के दिग्गज कारोबारियों और सिलेब्रिटीज ने शिकायत की थी कि उनका बिजली बिल दोगुना या तिगुना हो गया है। इसके बाद से ही सरकार बढ़े हुए बिजली बिलों से लोगों को राहत देने पर विचार कर रही थी।
अब राज्य सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए यह फैसला लिया है कि हर परिवार को 2019 में आए बिल के हिसाब से भुगतान करना होगा। इस तरह यदि कोरोना काल में किसी का अतिरिक्त बिल आया होगा तो उसे ज्यादा रकम चुकाने से राहत मिल जाएगी। राज्य सरकार का कहना है कि यदि अप्रैल, मई और जून के महीनों का बिल बीते साल की तुलना में 100 यूनिट तक अधिक आया है तो फिर सरकारी खजाने से उसका भुगतान किया जाएगा। यदि किसी का बिल 100 यूनिट से लेकर 300 यूनिट तक ज्यादा आया है तो सरकार अतिरिक्त बिल का 50 फीसदी हिस्सा वहन करेगी।
यही नहीं अतिरिक्त बिल 300 यूनिट से भी ज्यादा होने की स्थिति में सरकार की ओर से 25 फीसदी रकम का भुगतान किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक उपमुख्यमंत्री अजित पवार और ऊर्जा मंत्री नितिन राउत के बीच पिछले महीने हुई मीटिंग में इस पर सहमति बन गई है। इस फैसले से सरकार पर 1,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। दरअसल लॉकडाउन के दौरान बिजली कंपनियां अपने कर्मचारियों को फिजिकल तौर पर बिल निकालने के लिए नहीं भेज पाई थीं। ऐसे में ग्राहकों को प्रोवि़जनल बिल दिए गए थे, जिनमें बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है।
मुंबई में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड ने कहा कि अब हमने एक बार फिर से फिजिकल मीटर रीडिंग शुरू की है। मार्च के बाद से इसे अस्थायी तौर पर रोक दिया गया था। कंपनी ने बिजली बिल बढ़ने की शिकायतों के उलट कहा है कि प्रोविजनल बिल दिसंबर, जनवरी और फरवरी के आधार पर तैयार किए गए हैं, जब सर्दियों के सीजन में बिल कम आता है।