कोरोना वायरस के संकट में भारत समेत दुनिया भर में कारोबारियों को बड़े पैमाने पर अपनी दौलत गंवानी पड़ी है। हालांकि इस बीच भारत में दो ऐसे कारोबारी हैं, जो इस कोरोना काल में ही पहली बार अरबपतियों की सूची में शामिल हुए हैं। ये कारोबारी हैं मशहूर डॉ. लाल पैथ लैब्स के मुखिया डॉ. अरविंद लाल और केमिकल कंपनी श्रीराम ग्रुप ऑफ कंपनीज के हेड अरुण भारत राम। श्री राम ग्रुप ऑफ कंपनीज के शेयरों में 25 मार्च के बाद से 63 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। फोर्ब्स की लिस्ट के मुताबिक कंपनी की नेटवर्थ 1.1 अरब डॉलर तक पहुंच गई है। अरुण भारत राम कुल 14 कंपनियों के बोर्ड का हिस्सा हैं और 6 अलग-अलग कंपनियों के मुखिया हैं। इनमें से एक कंपनी जेके पेपर लिमिटेड है।
श्री राम ग्रुप ऑफ कंपनी को शेयरों में उछाल का मिला लाभ: 1970 में स्थापित श्री राम ग्रुप ऑफ कंपनीज केमिकल तैयार करती है, जिनका दवाओं और कीटनाशकों को तैयार करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा यह ग्रुप फैब्रिक, रियल एस्टेट और अन्य कारोबार में भी दखल रखता है। यही नहीं दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज और श्रीराम स्कूल्स का संचालन भी यह ग्रुप करता है। दरअसल देश भर में केमिकल निर्माता कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी के चलते श्री राम ग्रुप ऑफ कंपनीज को भी फायदा मिला है।
अरबपति बने अरविंद लाल: उनके अलावा डॉक्टर अरविंद लाल की कंपनी डॉ. लाल पैथ लैब्स की वैल्यूएशन 174 मिलियन डॉलर पहुंच गई है। 30 मार्च से 14 जून के दौरान कंपनी के शेयरों में 14 पर्सेंट का इजाफा हुआ है। दरअसल कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए प्राइवेट लैब्स को भी अनुमति मिलने के बाद से डॉ. पैथ लैब्स के शेयरों में उछाल देखने को मिला है।
1 अरब डॉलर के पार पहुंचे अरविंद लाल: फोर्ब्स की ताजा सूची के मुताबिक अरविंद लाल की संपत्ति फिलहाल एक अरब डॉलर से अधिक है। डॉ. पैथ लैब्स की स्थापना अरविंद लाल के पिता के पिता एसके लाल ने 1949 में की थी। पिता के इस कारोबार को अरविंद लाल 28 साल की उम्र से ही संभाल रहे हैं। डॉ. पैथ लैब्स का आईपीओ पहली बार 2015 में लॉन्च किया गया था और तब से अब तक इसमें 79 पर्सेंट का इजाफा हुआ है।
