बैंक से लिए गए लोन की किस्तों को अदा करने में ग्राहकों को दिसंबर तक के लिए राहत मिल सकती है। फिलहाल 31 अगस्त तक की बैंक लोन की किस्तों को सरकार ने अदा न करने की छूट दी है। हालांकि इन किस्तों को बाद में अदा करना होगा और मोराटोरियम की अवधि के दौरान भी कर्ज पर ब्याज जारी रहेगा। इस ब्याज को भी मोराटोरियम की अवधि के बाद ग्राहकों को चुकाना होगा। हालांकि ऐसे कर्जधारक जो नकदी के संकट से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह सुविधा तात्कालिक राहत के तौर पर अहम है। मनी कंट्रोल ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से अपनी खबर में कहा है कि सरकार ग्राहकों को दिसंबर तक के लिए लोन में छूट देने पर विचार कर रही है।

अधिकारी के मुताबिक अभी तक इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन सरकार की आरबीआई एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ लगातार मीटिंग चल रही है। अगस्त में 6 महीने की मोराटोरियम की अवधि समाप्त हो रही है। ऐसे में पूरी संभावना है कि अगस्त महीने की समाप्ति से पहले ही सरकार या फिर आरबीआई की ओर से इस संबंध में कोई घोषणा की जाएगी। बता दें कि इससे पहले लॉकडाउन होने के ही आरबीआई ने मार्च से लेकर मई तक के लिए लोन की किस्तों में छूट का ऐलान किया था। इसके बाद लॉकडाउन की अवधि बढ़ने पर आरबीआई ने भी इस छूट को बढ़ाते हुए अगस्त तक के लिए राहत दी थी।

दरअसल सरकार का मानना है कि इस लोन की किस्तों की अदायगी में छूट से ऐसे कर्जधारकों को राहत मिलेगी, जिनकी सैलरी में कटौती हुई है या फिर उन्हें अपना रोजगार गंवाना पड़ा है। यदि मोराटोरियम की अवधि में विस्तार होता है तो फिर बैंकों की ओर से बैड लोन का प्रावधान फाइनेंशियल ईयर 2020-21 तक नहीं किया जा सकेगा।

यही नहीं सरकार की ओर से सरकारी बैंकों में रिकैपिटलाइजेशन भी अगले साल अप्रैल तक नहीं होगा। गौरतलब है कि ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड्स ऐंड पुअर ने वित्त वर्ष 2021 में भारतीय बैंकों के एनपीए के 14 पर्सेंट तक बढ़ जाने की आशंका जताई है, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 8.5 फीसदी का ही था।