लोन आपात स्थिति के अलावा घर और कार खरीदने, शिक्षा, यात्रा, शादी जैसे कई कामकाज के लिए फंड की जरूरत पड़ने पर सहायक साबित होता है। वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक और वित्तीय संस्थान लोगों को तमाम तरह के लोन ऑफर करते हैं। विभिन्न बैंकों के लोन ऑफर टेन्योर और अमाउंट के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। इसके लिए लोगों को बैंकों में जरूरी दस्तावेजों के साथ एप्लिकेशन देने पड़ते हैं। इन दस्तावेजों के आकलन के बाद योग्य आवेदकों को बैंक लोन जारी करते हैं। हालांकि कई ऐसे भी मामले सामने आते हैं जिसमें बैंकों द्वारा आवेदन रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। सिर्फ एक बार ही नहीं बल्कि एक से अधिक बार बैंक ऐसा करते हैं।
लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट (loan application rejection) होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। इस तरह के रिजेक्शन में आमतौर पर एक प्रमुख वजह जो सामने आती है वह लोन के लिए रिक्वेस्ट किए जाने वाले शख्स द्वारा पहले ली गई लोन चुकाने में देरी। जिसे क्रेडिट स्कोर खराब करने के लिए जिम्मेदार माना जाता है. निगेटिव क्रेडिट हिस्ट्री के अलावा कई वजहें रिजेक्शन का कारण बन सकती है। अगर आपको भी इस तरह के रिजेक्शन का सामना करना पड़ रहा हैं, तो उसके पीछे के कारणों की पहचान कर सही कदम उठा सकते हैं।
रिजेक्शन का पता लगाएं
सबसे पहले लोन एप्लिकेशन रिजेक्ट होने की वजह का पता लगाएं। उधार पैसे देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान अक्सर अपने ग्राहकों को कारण बता देते हैं। एप्लिकेशन में रह गई कमी को दूर कर लोन हासिल कर सकते हैं।
डॉक्युमेंट में न हो कोई खामी
नाम, पता, हस्ताक्षर, पैन, आधार जैसे लोन एप्लिकेशन के लिए जरूरी दस्तावेजों किसी प्रकार की खामी नही होनी चाहिए। अगर ऐसा है तो सबसे पहले उसे सही करवा लें उसके बाद बैंक के पास आवेदन करें।
कर्ज – आय रेशियो का आकलन
कर्ज देने वाले बैंकों या वित्तीय संस्थानों की पहुंच लोगों के अकाउंट तक होती है। किस्त यानी ईएमआई भरने के लिए किसी शख्स की आय का कितना हिस्सा लग जाएगा इसका पता लगाने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान स्टेटमेंट खंगाल सकते हैं। वे आम तौर पर उन कर्ज लेने वाले आवेदकों को पसंद करते हैं जो लोन चुकाने के लिए डिस्पोजेबल इनकम का 30%-40% से अधिक आवंटित नहीं करते हैं।
क्रेडिट स्कोर की निगरानी नियमित करें
लोन डिफॉल्ट यानी रिपेमेंट में देरी के कारण होने वाले परिवर्तनों के बारे में अपडेट रहने के लिए हर महीने अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी करना जरूरी है। सिबिल (CIBIL) से हर महीने क्रेडिट रिपोर्ट हासिल कर सकते हैं। ये क्रेडिट एक्टिविटी, पेमेंट हिस्ट्री और लोन की स्थिति का व्यापक अवलोकन प्रदान करता है। नियमित निगरानी उन खामियों का पता लगाने में भी मदद करती है, जिससे आप संबंधित क्रेडिट ब्यूरो के साथ इन मुद्दों को संबोधित कर सकते हैं।
वक्त पर जमा करें किस्त
बेहतर क्रेडिट हिस्ट्री बनाए रखने के लिए वक्त पर किस्त यानी ईएमआई (EMI) भरना जरूरी है। ऐसा करने से लोन एप्लिकेशन के रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जाती है।
क्रेडिट स्कोर में करें सुधार
लोन एप्लिकेशन रिजेक्शन के असर से उबरने में समय लग सकता है। अगर आपका स्कोर पहले से ही अच्छा है, तो सुधार के लिए आमतौर पर कम समय लगता है। 750 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर बेस्ट लोन ऑफर के लिए दरवाजे खोलता है। अगर कम क्रेडिट स्कोर रिजेक्शन का कारण बनता है, तो इसे सुधारने का प्रयास करें। स्कोर पर प्रभावित करने वाले कारणों की पहचान हो जाने पर उसे दुरूस्त करें।
बार-बार लोन के लिए रिक्वेस्ट करने से बचें
जब आप बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो उधार देने वाले बैंक या वित्तीय संस्थान आपके क्रेडिट हिस्ट्री की हार्ड जांच करते हैं। बार-बार की पूछताछ आपके क्रेडिट स्कोर को मामूली रूप से कम कर देते हैं। ऐसे में कम अवधि में कई लोन एप्लिकेशन आपके क्रेडिट स्कोर को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। अपने स्कोर की सुरक्षा के लिए और आगे रिजेक्शन से बचने के लिए, कई लोन एप्लिकेशन करने से बचें।
बार-बार लोन एप्लिकेश का रिजेक्शन, क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर डाल सकती हैं। इसके प्रभाव से उबरने में कई महीने या साल लग सकते हैं। अगर आप लोन एप्लिकेशन रिजेक्शन का सामना कर रहे हैं, तो यहां उपर बताए गए तरीकों को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।