कोरोना वायरस के संकट के चलते लाइफ इंश्योरेंस की मांग में तेजी से इजाफा हुआ है। खासतौर पर पूरी तरह से परिवार के भविष्य को सुरक्षित रखने के मकसद से टर्म प्लान्स में लोगों की रुचि बढ़ी है। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के डाटा से पता चला है कि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में सुरक्षा बीमा में बढ़ोतरी हुई है क्योंकि सम एश्योर्ड टू प्रीमियम रेश्यो वित्त वर्ष 2020 के 32.4% से बढ़कर 56.3% हो गया है। जानकार बताते हैं पॉलिसी होल्डर लाइफ कवर और टर्म प्लांस बढ़ा रहे हैं। इसमें भी लोगों का झुकाव ऑनलाइन प्लान्स की ओर तेजी से बढ़ा है। हालांकि स्टॉक मार्केट में ग्राहकों के कॉन्फिडेंस के गिरने की वजह से यूनाइटेड लिंक इंश्योरेंस प्लान (Ulips) की सेल्स में कमी आई है। इसीलिए ग्राहक स्थिरता और निश्चित रिटर्न की तरफ ध्यान दे रहे हैं।

इस बीच कंपनियों ने भी अपनी रणनीति में बदलाव किया है और ऑनलाइन सेल को बढ़ाना देना शुरू किया है। जानकार भी मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति के लिए प्योर टर्म प्लान बेहद काम का हो सकता है। इससे लाइफ का रिस्क कवर हो जाता है और परिवार के लिए भी भविष्य में एक सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित होती है। टर्म प्लान ग्राहक की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी और परिवार को वित्तीय सहायता देते हैं।

ऑनलाइन पॉलिसी पर बचेंगे ये चार्ज: हालांकि अभी भी लोग एजेंट के माध्यम से पॉलिसी खरीदना पसंद करते हैं, जबकि ऑनलाइन पॉलिसी उससे 20 से 30% सस्ती हैं। जैसा कि एजेंट को पहले साल दिए जाने वाला कमीशन ज्यादा होता है, ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने से ग्राहक एजेंट का कमीशन और कंपनी के डॉक्यूमेंट का खर्च बचा सकते हैं।

सालाना कमाई से 10 गुना ज्यादा का होना चाहिए प्लान: आप एलआईसी की वेबसाइट से सीधे ऑनलाइन टर्म प्लान खरीद सकते हैं। कंपनियां ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से इंश्योरेंस प्लान ऑफर करती हैं। लेकिन इनश्योरड सम कुल वार्षिक आय से 10 गुना ज्यादा होना चाहिए और उम्र एवं लायबिलिटी के हिसाब से इसकी समय-समय पर समीक्षा भी होनी चाहिए।

पॉलिसी लेने से पहले ध्यान रखें ये बातें: किसी कंपनी के साथ टर्म प्लान फाइनल करने से पहले यह भी सुनिश्चित कर लें क्या आपको मेडिकल टेस्ट की जरूरत है। कई ऐसी बीमा कंपनियां भी हैं जो 45 वर्ष की आयु के बाद मेडिकल टेस्ट पर जोर देती हैं। ग्राहक के अप्रूव्ड हॉस्पिटल से मेडिकल टेस्ट का खर्च खुद बीमा कंपनियां उठाती हैं और इसकी रिपोर्ट ग्राहक के साथ भी शेयर की जाती है। आप बीमा पॉलिसी की सभी डिटेल्स सही तरीके से भरें। कोई भी गलत जानकारी आपकी पॉलिसी को कैंसिल करा सकती है और आपके सभी क्लेम रिजेक्ट भी हो सकते हैं।